Giridih Mystery: फांसी पर झूलती मिली विवाहिता, बंद कमरे के रहस्य ने खड़े किए कई सवाल
गिरिडीह के पचंबा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता का शव उसके ससुराल स्थित कमरे में फंदे से लटका मिला। दरवाजा बंद था और कोई जवाब नहीं मिलने पर परिजनों ने पुलिस को बुलाया। अब इस मौत के पीछे की कहानी जांच के घेरे में है।

गिरिडीह जिले के पचंबा थाना क्षेत्र के कुसमाटांड़ मोहल्ले में सोमवार की सुबह एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। एक विवाहिता का शव उसके ससुराल के कमरे में फंदे से लटका मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और सुबह से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचित किया।
मृतका की पहचान मोहम्मद तबरेज अंसारी की पत्नी नाजिया बानो के रूप में हुई है, जिनकी उम्र लगभग 26 वर्ष बताई जा रही है। नाजिया की शादी कुछ साल पहले तबरेज से हुई थी और वह अपने ससुराल में रह रही थीं। सोमवार की सुबह जब नाजिया ने दरवाजा नहीं खोला और किसी भी आवाज पर जवाब नहीं दिया, तो घरवालों को आशंका हुई कि कुछ अनहोनी हो चुकी है।
दरवाजा टूटा, सामने आया डरावना सच
काफी देर तक प्रयास के बाद जब दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों ने पचंबा थाना पुलिस को फोन किया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी राजीव कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़वाया। जैसे ही दरवाजा खुला, सामने जो दृश्य था उसने सबको स्तब्ध कर दिया — नाजिया बानो का शव फंदे से झूल रहा था।
पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा और फिर पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल भेजा गया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है और इसे एक अप्राकृतिक मृत्यु (UD Case) के रूप में दर्ज किया गया है।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वास्तव में आत्महत्या है, या इसके पीछे कोई और कहानी छिपी हुई है? पुलिस को न तो कोई सुसाइड नोट मिला है, और न ही अभी तक यह स्पष्ट हो पाया है कि नाजिया ने ऐसा कदम क्यों उठाया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, नाजिया और तबरेज के वैवाहिक जीवन में कोई बड़ी समस्या की चर्चा नहीं थी। हालांकि यह भी सच है कि अक्सर घरेलू तनाव और भावनात्मक दबाव खुले रूप में सामने नहीं आते। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है और मृतका के मायके पक्ष से भी संपर्क साध रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई पारिवारिक कलह तो इस कदम की वजह नहीं बनी।
क्या आत्महत्या है अंतिम सच?
थाना प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मृतका के शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
ग्रामीण समाज और आत्महत्याएं: एक छिपा हुआ संकट
गिरिडीह जैसे ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन इनका कारण अक्सर सामने नहीं आ पाता। मानसिक स्वास्थ्य, घरेलू दबाव और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दे अब भी गांवों में चर्चा का विषय नहीं बनते। महिलाएं, विशेषकर विवाहिता, अक्सर अपने दुखों को आत्मसात कर लेती हैं — और जब तक परिवार या समाज समझ पाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
नाजिया बानो की मौत ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। क्या यह सच में आत्महत्या थी? या फिर यह किसी योजना का हिस्सा थी? क्या कोई घरेलू कलह थी, या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या? यह सभी सवाल तब तक अनुत्तरित हैं जब तक जांच पूरी नहीं होती और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती।
फिलहाल पुलिस इस रहस्यमयी मौत के हर कोण की जांच में जुटी है, और पूरा मोहल्ला स्तब्ध है — एक और बंद कमरे की कहानी, जो कई राज अपने साथ दफन कर गई।
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