Jamshedpur HealthBoost: 500 करोड़ में मेडिकल कॉलेज, गांवों तक पहुंचेगा इलाज
जमशेदपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ा ऐलान, 500 करोड़ रुपये की लागत से नया मेडिकल कॉलेज, गांवों में भी विशेषज्ञ डॉक्टर करेंगे इलाज। एमजीएम अस्पताल में भी होगा बड़ा सुधार।
Jamshedpur HealthBoost: झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था अब पूरी तरह बदलने वाली है। राज्य सरकार ने पूर्वी सिंहभूम में एक ऐसे आधुनिक मेडिकल कॉलेज की नींव रख दी है, जो न सिर्फ इलाके का नक्शा बदलेगा बल्कि ग्रामीण इलाकों को भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ेगा।
500 करोड़ की लागत से बनने वाला यह मेडिकल कॉलेज तीन साल के भीतर तैयार होगा और इसे पीपीपी मोड (Public Private Partnership) में संचालित किया जाएगा। यह ऐलान खुद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने जमशेदपुर के सिदगोड़ा टाउन हॉल में किया, जहां जिले के 201 ANM, GNM और पैरामेडिकल कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिए गए।
गांवों तक पहुंचेगा विशेषज्ञ इलाज
राज्य सरकार का अगला लक्ष्य है – “गांवों तक विशेषज्ञों की मौजूदगी”। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब विशेषज्ञ डॉक्टर सप्ताह में एक दिन गांवों में जाकर ओपीडी सेवा देंगे। इसके लिए "हाट-बाजार स्वास्थ्य मेला" की व्यवस्था की जा रही है, जहां जांच, परामर्श और दवा की सुविधा एक ही जगह मिलेगी।
इस कदम से झारखंड में पहली बार यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गांव में रहने वाला हर नागरिक शहर जैसी सुविधाएं अपने दरवाज़े पर पाए।
MGM और RIMS बनेंगे झारखंड के बेस्ट अस्पताल
मंत्री डॉ. अंसारी ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि “एमजीएम और रिम्स को झारखंड का सबसे अच्छा अस्पताल बनाया जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों ने एमजीएम को ‘चारागाह’ बना दिया था, लेकिन अब इस अस्पताल का कायाकल्प किया जाएगा। अगले हफ्ते से ही वहां बदलाव दिखने लगेंगे।
स्वास्थ्य ही नहीं, शिक्षा में भी होगा बड़ा सुधार
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने भी जानकारी दी कि शिक्षा विभाग में 26,000 पद खाली हैं, जिन्हें जल्द भरा जाएगा। साथ ही, झारखंड की पांच जनजातीय भाषाओं में पढ़ाई कर रहे बच्चों की स्थिति को लेकर नई योजनाएं बन रही हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया में आई तेजी
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए सरकार पूरे राज्य में एक हज़ार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज़ी से कर रही है। सभी जिलों को रिक्तियों की सूची बनाकर जल्द से जल्द बहाली शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिले में नियुक्त 201 स्वास्थ्य कर्मियों को संविदा पर नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं, जिससे जिले में स्वास्थ्य सेवा की ज़मीन और मज़बूत होगी।
राजनीतिक तकरार भी बनी चर्चा का विषय
कार्यक्रम के दौरान जब क्षेत्रीय विधायक पूर्णिमा साहू नदारद रहीं, तो स्वास्थ्य मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा – “पूर्णिमा साहू हमारी बहू हैं, उन्हें कार्यक्रम में आना चाहिए था।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह उपस्थित होतीं और स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र देतीं, तो यह सबके लिए गौरव की बात होती।
ऐतिहासिक बदलाव की ओर बढ़ता झारखंड
एक समय था जब झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएं देश में सबसे पिछड़ी मानी जाती थीं। मेडिकल कॉलेज की संख्या कम, सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था लगभग नाममात्र की थी। लेकिन अब सरकार पीपीपी मॉडल को अपनाकर स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
लावजोड़ा और घोड़ाबांधा में नए प्रसव केंद्रों का उद्घाटन भी इसी दिशा में एक अहम कदम है, जहां 24x7 सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिलेगी। इससे मातृत्व सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी।
झारखंड अब स्वास्थ्य क्रांति की ओर बढ़ चला है। जहां कभी इलाज के लिए लोगों को राज्य के बाहर जाना पड़ता था, वहीं अब मेडिकल कॉलेज, OPD सेवाएं, हाट-बाजार मेले जैसे प्रयास स्थानीय स्तर पर बदलाव ला रहे हैं। अगर यह योजनाएं वाकई जमीनी स्तर पर पूरी हुईं, तो झारखंड आने वाले वर्षों में देश के विकसित स्वास्थ्य राज्यों की सूची में शामिल हो सकता है।
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