Saraikela Violence Mystery : शादी देखने गई युवती के विरोध पर हुआ खूनी हमला, गांव में मचा हड़कंप
सरायकेला के टेंटोपोशी गांव में शादी समारोह के दौरान युवती से छेड़खानी और उसके विरोध के बाद हिंसा भड़क गई। ईंट, पत्थर और हथियारों से दोनों पक्षों के 30 लोग घायल हुए। घटना में गर्भवती महिला सहित बच्चों को भी चोटें आईं।

सरायकेला में शादी की एक सामान्य शाम देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गई। एक युवती से छेड़खानी की शिकायत ने पूरे गांव को दहला दिया, और टेंटोपोशी गांव बना हिंसा का अखाड़ा।
झारखंड के सरायकेला थाना अंतर्गत टेंटोपोशी गांव में रविवार को हुई एक शादी में वो सब कुछ हुआ जिसकी कल्पना भी शायद किसी ने नहीं की थी। सदर के घर शादी का माहौल था, रौनक थी, लेकिन इस रौनक को काले साए ने निगल लिया।
रविवार शाम को जाफर अंसारी की बहनें—आफरीन परवीन और मरजिना खातून—शादी समारोह देखने गई थीं। वहां मौजूद शमसाद नाम के युवक ने उनके साथ अभद्रता की, जिसे दोनों बहनों ने घर लौटकर अपने परिवार को बताया। मामला यहीं थम सकता था, लेकिन आगे जो हुआ उसने पूरे गांव को झकझोर दिया।
जैसे ही यह बात परिवार के सदस्यों को पता चली, उनका भाई जुबेर अंसारी समझाने के लिए शमसाद के पास गया। लेकिन शमसाद ने बात समझने की बजाय धमकी दे डाली—"गांव छोड़ दो, वरना अंजाम बुरा होगा।"
इतिहास की परतें: गांवों में सामाजिक हिंसा और पंचायत का दखल
झारखंड जैसे राज्यों में ग्रामीण झगड़ों की एक लंबी परंपरा रही है, जहां पंचायत और आपसी समझ से विवाद सुलझते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह संतुलन टूटता जा रहा है। पुलिस के अनुसार, ऐसे मामलों में पंचायत की भूमिका घटती जा रही है और लोग सीधे हिंसक टकराव पर उतर आते हैं।
सोमवार शाम को शमसाद, साहिल, लोहदा, अली असगर, हसन, पोंक, राजा और आलम—कुल आठ लोग—जाफर अंसारी के घर में घुस आए और हमला बोल दिया।
ईंट, पत्थर और धारदार हथियारों से लैस इन लोगों ने ना सिर्फ जाफर पर, बल्कि पूरे परिवार पर हमला किया। शोर सुनकर घर के अन्य सदस्य बचाव में आए, लेकिन हमलावरों की हिंसा से कोई नहीं बच सका।
इस हमले में दोनों पक्षों से कुल 30 लोग घायल हुए हैं। जाफर अंसारी के परिवार से 25 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, जिनमें 5 माह की गर्भवती महिला तरन्नुम खातून भी शामिल हैं। बच्चों तक को नहीं बख्शा गया—10 बच्चों को हल्की चोटें आई हैं, जिनमें से कई मानसिक रूप से आहत हैं।
पुलिस की भूमिका और सवाल
घटना की सूचना मिलते ही सरायकेला थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सभी घायलों को सरायकेला सदर अस्पताल भिजवाया। थाना प्रभारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “दो पक्षों के बीच आपसी विवाद हुआ था, जांच चल रही है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
लेकिन सवाल यह है कि गांव में तनाव की स्थिति बनने के बावजूद पुलिस को पहले से कोई खबर क्यों नहीं थी? और जब युवती ने छेड़खानी की शिकायत की थी, तब पुलिस ने उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
गांव में अब भी दहशत का माहौल
टेंटोपोशी गांव अब एक खामोश गवाह बना हुआ है—जहां रौनक, चूड़ी, मेंहदी और ढोल-नगाड़ों की जगह अब कराह, सिसकियां और पुलिस की सायरन सुनाई दे रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब गांव में ऐसा कुछ हुआ हो। पहले भी कुछ छोटे-मोटे झगड़े हुए थे, लेकिन इस बार बात हद से बाहर चली गई।
यह घटना सिर्फ एक शादी में हुई छेड़खानी या दो पक्षों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक विघटन की तस्वीर है जो धीरे-धीरे गांवों को निगल रहा है। कानून का डर कम होता जा रहा है और लोग न्याय के लिए हथियार उठाने में संकोच नहीं करते।
सरायकेला की यह घटना इस बात की चेतावनी है कि अगर समय रहते प्रशासन और समाज जागरूक नहीं हुआ, तो ऐसे मामले और भयावह रूप ले सकते हैं।
अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या पुलिस निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाएगी या यह मामला भी कागज़ों में दबकर रह जाएगा।
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