Jamshedpur Jailbreak: वांटेड क्रिमिनल राजस्थान से दबोचा! जमशेदपुर का खूंखार अपराधी रिंकू सेठ उर्फ सौरभ शर्मा जयपुर के शाहपुरा से गिरफ्तार
जमशेदपुर के कुख्यात अपराधी गिरोह के सक्रिय सदस्य रिंकू सेठ उर्फ सौरभ शर्मा को जमशेदपुर पुलिस ने राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है। उसपर हत्या, लूट, डकैती समेत पाँच संगीन मामले दर्ज हैं। जेल से छूटने के बाद वह अमरनाथ गिरोह के लिए रंगदारी वसूलने की साजिश कर रहा था, जिसे पुलिस ने तकनीकी सहयोग से विफल कर दिया।
जमशेदपुर शहर में दहशत पैदा कर अवैध रंगदारी और लेवी वसूलने की साजिश रच रहे एक खूंखार अपराधी रिंकू सेठ उर्फ सौरभ शर्मा को जमशेदपुर पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन के तहत राजस्थान से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी न केवल शहर के सबसे कुख्यात अमरनाथ सिंह गिरोह को एक बड़ा झटका है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अपराधी चाहे कितनी भी दूर क्यों न भाग जाए, कानून के हाथ उन तक पहुंच ही जाते हैं।
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने आरोपी से जुड़ी तमाम जानकारी साझा की। कुख्यात अपराधी सौरभ शर्मा उर्फ रिंकू सेठ को राजस्थान के जयपुर जिला के शाहपुरा थाना क्षेत्र के हरदासवाली **(वार्ड नंबर 3, अमरपूरा रोड) से दबोचा गया। यह गिरफ्तारी जमशेदपुर पुलिस की विशेष टीम के धैर्य, संयम और सबसे बढ़कर तकनीकी सक्रियता का परिणाम है।
अमरनाथ गिरोह का सक्रिय सदस्य: पाँच संगीन मुकदमे
पुलिस के मुताबिक, रिंकू सेठ जमशेदपुर जिले के सबसे खतरनाक अपराधी अमरनाथ सिंह गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट और डकैती समेत संगीन अपराधों से जुड़े पांच अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले भी वह चोरी, रंगदारी, छिनतई, फायरिंग और हत्या के कई मामलों में आरोपित रहा है और जेल की सजा भी काट चुका है।
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रंगदारी का खतरनाक मनसूबा: हाल ही में जेल से छूटने के बाद रिंकू सेठ फिर से सक्रिय हो गया था। उसका मुख्य उद्देश्य शहर में दहशत पैदा करके अमरनाथ गिरोह को पुनर्जीवित करना था। वह अवैध रूप से रंगदारी और लेवी वसूलने का प्रयास कर रहा था, जिससे शहर के व्यापारियों और आम लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया था।
सीतारामडेरा गोलीबारी: एक हत्या और एक को जख्मी किया
रिंकू सेठ के खिलाफ दर्ज सबसे संगीन मामलों में से एक 1 फरवरी 2024 को सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के पांडेय घाट चौधरी होटल के बगल में हुई गोलीबारी की घटना है। इस घटना में अज्ञात अपराधियों द्वारा वादी बानेश्वर नामता उर्फ मानस को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया था, जबकि उसके दोस्त टकलू लोहार की गोली लगने से हत्या हो गई थी। यह केस भी रिंकू सेठ के अपराधिक रिकॉर्ड का हिस्सा है।
पुलिस ने सफलतापूर्वक इस अपराधी के मंसूबों को विफल कर दिया है। यह गिरफ्तारी शहर को अपराध और गिरोह युद्ध से मुक्त कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आपकी राय में, जमशेदपुर में जेल से छूटने के बाद अपराधियों के फिर से सक्रिय होने और गिरोह चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और कारागार प्रशासन को कौन से दो सबसे प्रभावी और निवारक कदम उठाने चाहिए?
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