Pakistan Controversy: भगत सिंह को आतंकवादी बताने पर बवाल, ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की कोशिश!

पाकिस्तान ने भगत सिंह को आतंकवादी और ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया, ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की कोशिश पर उठे सवाल। जानें पूरी खबर।

Feb 6, 2025 - 17:09
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Pakistan Controversy: भगत सिंह को आतंकवादी बताने पर बवाल, ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की कोशिश!
Pakistan Controversy: भगत सिंह को आतंकवादी बताने पर बवाल, ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की कोशिश!

लाहौर: पाकिस्तान में भगत सिंह को लेकर विवाद फिर से गर्मा गया है, इस बार पाकिस्तान ने उन्हें आतंकवादी कहकर उनकी ऐतिहासिक धरोहर पर सवाल उठाया है। यह विवाद लाहौर हाई कोर्ट के आदेश से जुड़ा है, जिसमें भगत सिंह चौक का नाम बदलने का आदेश था। पाकिस्तान के प्रशासन और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है, और अब पाकिस्तान ने भगत सिंह को आतंकवादी और अपराधी करार दे दिया है।

पाकिस्तान ने भगत सिंह को क्यों आतंकवादी कहा?

पाकिस्तान में भगत सिंह को "आतंकवादी" और "अपराधी" बताया गया है। प्रशासन का कहना है कि भगत सिंह ने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या की थी, और इसे वे एक अपराध मानते हैं। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि भगत सिंह का नाम पाकिस्तानी संस्कृति और इस्लामी मूल्यों के खिलाफ है। इस बयान ने एक नया विवाद पैदा कर दिया है, क्योंकि भगत सिंह भारत में एक स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी नायक माने जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को नकारने की कोशिश की जा रही है।

भगत सिंह को आतंकवादी और ओसामा बिन लादेन को शहीद बताना

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भगत सिंह के साथ ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की हो। वहीं, पाकिस्तान ने आतंकी नेता ओसामा बिन लादेन को "शहीद" बताया था, जबकि भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी को आतंकवादी कहकर उनका अपमान किया गया। इस विरोधाभास से पाकिस्तान की कट्टरपंथी मानसिकता और इस्लामोफोबिया का भी पर्दाफाश हुआ है।

पाकिस्तान में ऐतिहासिक दृष्टिकोण की समस्या

पाकिस्तान में इतिहास को इस्लामी दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति रही है, और भगत सिंह की विरासत पर इस्लामी दृष्टिकोण से सवाल उठाने का यह एक उदाहरण है। पाकिस्तान में 1947 से पहले के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को बहुत कम महत्व दिया जाता है, क्योंकि वह संघर्ष धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रीय भावना से प्रेरित था, जो पाकिस्तान के धार्मिक राष्ट्रवाद के विचारधारा से मेल नहीं खाता।

भगत सिंह की विचारधारा: धर्म से ऊपर इंसानियत

भगत सिंह धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी विचारधारा के समर्थक थे। उन्होंने अपनी किताब "मैं नास्तिक क्यों हूँ" में धार्मिक कट्टरता और अंधविश्वास के खिलाफ लिखा था। भगत सिंह का संदेश आज भी प्रासंगिक है:
"क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।"
भगत सिंह ने अपनी आखिरी चिट्ठी में यह कहा था –
"इन्कलाब जिंदाबाद"

भगत सिंह का सम्मान और पाकिस्तान का विरोध

पाकिस्तान में कुछ बौद्धिक और प्रगतिशील वर्ग भगत सिंह को सम्मान देना चाहते हैं, लेकिन कट्टरपंथी ताकतों और राजनीतिक संगठनों का विरोध इस पर भारी पड़ रहा है। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने लाहौर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है, जिसमें 2018 के आदेश को लागू करने की माँग की गई है।

खालिस्तानी गुटों द्वारा भी भगत सिंह की आलोचना

पाकिस्तान में खालिस्तानी संगठनों ने भी भगत सिंह की विरासत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने भगत सिंह को "काफिर" बताया क्योंकि वह धार्मिक कट्टरता के खिलाफ थे। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि कट्टरपंथी ताकतें इतिहास को अपनी सुविधा अनुसार बदलने की कोशिश करती हैं।

बांग्लादेश में भी कट्टरपंथी हमले

पाकिस्तान के कट्टरपंथी दृष्टिकोण से बांग्लादेश भी अछूता नहीं है। वहां भी हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं, और हाल ही में ISKCON मंदिर को प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी, जो एक और उदाहरण है कि कट्टरपंथी ताकतें धार्मिक और सांप्रदायिक दृष्टिकोण से इतिहास और संस्कृति को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रही हैं।

भगत सिंह का अपमान, मानवता का अपमान

भगत सिंह को आतंकवादी कहने की कोशिश इतिहास का अपमान और स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को नकारने की कोशिश है। पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतों द्वारा इतिहास को बदलने की प्रवृत्तियां हमारी साझा संस्कृति और विरासत के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। यदि हम इतिहास को केवल धार्मिक और सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखेंगे, तो हम सच्चाई से दूर हो जाएंगे और भगत सिंह का संदेश जो आज भी प्रासंगिक है, उसे हम पूरी दुनिया से छिपा देंगे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।