Pakistan Pollution: लाहौर-मुल्तान में जहरीली हवा, तीन दिन का कंप्लीट लॉकडाउन
पाकिस्तान के लाहौर और मुल्तान में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर। एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 2,000 के पार। सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी लगाई और तीन दिन का कंप्लीट लॉकडाउन घोषित।
पाकिस्तान में प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। देश के दो प्रमुख शहर लाहौर और मुल्तान में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ने मुल्तान में 2,000 का आंकड़ा पार कर लिया, जो वायु प्रदूषण का एक नया रिकॉर्ड है। इसके चलते पंजाब सरकार ने शुक्रवार से रविवार तक इन दोनों शहरों में कंप्लीट लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया है।
लाहौर और मुल्तान में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित
पंजाब की मंत्री मरियम औरंगजेब ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन शहरों में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने बताया कि तीन दिन के लॉकडाउन के दौरान स्कूल, कॉलेज, और विश्वविद्यालय बंद रहेंगे। हालांकि, कॉलेज और विश्वविद्यालय ऑनलाइन कक्षाएं चलाएंगे। सरकारी और निजी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू रहेगा।
रेस्तरां को केवल शाम 4 बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है और टेकअवे सेवा रात 8 बजे तक ही दी जाएगी। हालांकि, इस दौरान शादियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
पर्यावरणीय संकट और हरियाली की कमी
लाहौर, जो ऐतिहासिक रूप से अपने हरे-भरे बागानों और खूबसूरत परिदृश्यों के लिए जाना जाता था, अब केवल 3 प्रतिशत हरियाली पर सिमट गया है। मरियम औरंगजेब ने बताया कि लाहौर को कम से कम 36 प्रतिशत हरियाली की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर, सरकार ने वृक्षारोपण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम
- पराली जलाने पर सख्ती: किसानों को पराली जलाने के बजाय उसे नष्ट करने के लिए 1,000 सुपर सीडर्स वितरित किए गए हैं।
- ईंट भट्टों पर कार्रवाई: 800 से अधिक ईंट भट्टों को बंद किया गया है।
- वनों का विकास: लाहौर के वनों को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ: पाकिस्तान और प्रदूषण की बढ़ती चुनौती
पाकिस्तान का लाहौर शहर, जिसे कभी "गार्डन सिटी" कहा जाता था, आज दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है। 1947 के विभाजन के बाद, लाहौर ने शहरीकरण का तेज़ी से सामना किया, लेकिन पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया। इसी का नतीजा है कि आज यह शहर खतरनाक वायु गुणवत्ता का सामना कर रहा है।
मुल्तान में रिकॉर्ड तोड़ AQI
मुल्तान, जो पाकिस्तान का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है, में भी हालात बेहद खराब हैं। यहां का AQI 2,000 तक पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण के सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
पाकिस्तान के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पाकिस्तान ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए, तो इसका असर न केवल वहां के नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर भी इसका गहरा प्रभाव होगा।
लाहौर और मुल्तान में जारी यह संकट केवल पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप के लिए एक चेतावनी है। वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
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