Jharkhand Government: नए मंत्रियों के नाम तय होने में मंथन, स्टीफन मरांडी से लेकर दीपिका पांडेय सिंह तक के नाम चर्चा में
झारखंड में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में, झामुमो और कांग्रेस से जुड़े संभावित मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं। जानें कौन होंगे नए मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष।
झारखंड, 25 नवंबर: झारखंड में इंडिया गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सरकार को सामाजिक और क्षेत्रीय दृष्टिकोण से संतुलित और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मंत्रिमंडल के गठन के लिए कई नामों की चर्चा हो रही है, जिनमें सीनियर और युवा दोनों वर्गों के नेताओं को मंत्री पद पर देखा जा सकता है। जिन नेताओं के नाम सबसे आगे चल रहे हैं, उनमें झामुमो के स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
झामुमो और कांग्रेस का समीकरण: कौन होगा मंत्री?
झामुमो में सीनियर और युवा दोनों विधायकों को मंत्री पद देने की संभावना जताई जा रही है। इनमें स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन जैसे नाम प्रमुख हैं। इन नेताओं का लंबे समय से पार्टी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और इनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें मंत्री पद मिल सकता है। इसके साथ ही, कांग्रेस से दीपिका पांडेय सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए यह निर्णय लिया जा सकता है।
अगर दीपिका पांडेय को मौका नहीं मिलता, तो ममता देवी के नाम पर भी चर्चा हो रही है। कांग्रेस आलाकमान द्वारा मंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो पार्टी के आंतरिक समीकरणों और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए होगा।
आरजेडी का मंत्रिमंडल में स्थान: सुरेश पासवान या संजय प्रसाद यादव?
इंडिया गठबंधन के साथी दल आरजेडी में भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने की होड़ लगी है। आरजेडी विधायक दल के नेता सुरेश पासवान का नाम सबसे आगे है, लेकिन पार्टी में कुछ और दावेदार भी हैं। अगर सुरेश पासवान को मंत्री पद नहीं मिलता तो संजय प्रसाद यादव का नाम भी इस दौड़ में सामने आ सकता है। इस बार, आरजेडी के नेताओं को एक साथ लेकर मंत्री पद के लिए अंतिम चयन किया जाएगा।
स्पीकर पद: क्या स्टीफन मरांडी को मिलेगा यह महत्वपूर्ण पद?
मंत्रिमंडल गठन के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के पद को लेकर भी चर्चा हो रही है। वर्तमान में, नाला के विधायक रवींद्रनाथ महतो स्पीकर के पद पर हैं, लेकिन अब चर्चा यह हो रही है कि स्टीफन मरांडी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो रवींद्रनाथ महतो को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक समीकरण होगा, क्योंकि इससे झामुमो के नेतृत्व में राज्य में एक मजबूत सरकार बन सकती है।
क्या है झारखंड की नई सरकार की रणनीति?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह रणनीति है कि मंत्रिमंडल में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को मौका दिया जाए। इस कदम से पार्टी को एक नई दिशा मिल सकती है, और राज्य में विकास की गति को तेज किया जा सकता है। जल्द ही, इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा, और मंत्रियों के नामों का ऐलान किया जाएगा।
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