Jamshedpur Accident: बिना हेलमेट दौड़ रही थी चार नाबालिगों की बाइक, दर्दनाक हादसा

जमशेदपुर के बागबेड़ा में डीबी रोड पर तेज रफ्तार बाइक दुर्घटना में चार नाबालिग घायल हो गए। बिना हेलमेट और नियमों का उल्लंघन बना हादसे की वजह। पढ़िए पूरी खबर।

Apr 26, 2025 - 17:14
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Jamshedpur Accident: बिना हेलमेट दौड़ रही थी चार नाबालिगों की बाइक, दर्दनाक हादसा
Jamshedpur Accident: बिना हेलमेट दौड़ रही थी चार नाबालिगों की बाइक, दर्दनाक हादसा

जमशेदपुर से एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी का खतरनाक नतीजा सामने आया है। बागबेड़ा थाना क्षेत्र के डीबी रोड स्थित बरगद पेड़ गोलचक्कर के पास रविवार को एक बड़ी दुर्घटना हुई। हरहरगुड्डू की ओर से आ रही तेज रफ्तार स्प्लेंडर बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

घटना की सूचना मिलते ही बागबेड़ा थाना की पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुँची और घायलों को तुरंत सदर अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया कि बाइक पर चार युवक सवार थे, और चौंकाने वाली बात यह रही कि चारों ही नाबालिग थे और किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था।

बिना सुरक्षा के दौड़ती जिंदगियाँ
बाइक चला रहे पवन लोहार को सिर में गंभीर चोटें आई हैं, जबकि अन्य तीन घायल युवकों की पहचान शंघाई टुडू, शंकु मारंडी और गणेश केसरी के रूप में हुई है। सभी घायल युवक बागबेड़ा के जाड़ाझोपड़ी इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

इतिहास गवाह है कि जमशेदपुर, जो झारखंड का औद्योगिक शहर कहलाता है, हमेशा से यातायात के बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है। खासकर बागबेड़ा जैसे क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएँ आम होती जा रही हैं, जिनकी मुख्य वजह लापरवाही और नियमों का उल्लंघन है।

क्यों हो रहे हैं ऐसे हादसे?
सड़क सुरक्षा नियमों के बावजूद नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाना एक गंभीर समस्या बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अभिभावकों की लापरवाही और समाज में बढ़ती गैर-जिम्मेदाराना प्रवृत्ति इसकी जड़ में है।

बाइक पर चार लोगों का सवार होना खुद में एक कानून का खुला उल्लंघन है। ऊपर से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था, जिससे चोट की गंभीरता और बढ़ गई। यदि समय पर इलाज न मिला होता तो यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था।

पुलिस की सख्ती और जब्त वाहन
पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त स्प्लेंडर बाइक को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, घायल युवकों के अभिभावकों को भी थाने बुलाकर चेतावनी दी गई है। बागबेड़ा थाना प्रभारी ने कहा कि नाबालिगों को वाहन न चलाने देने के लिए अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सड़क हादसों पर एक नजर
भारत में सड़क दुर्घटनाएँ कोई नई बात नहीं हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं जिनमें से बड़ी संख्या में नाबालिग शामिल होते हैं। जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहरों में, जहाँ ट्रैफिक घनत्व अधिक है, छोटे-छोटे नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।

समाज की जिम्मेदारी बनती है
इस हादसे ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर सड़क सुरक्षा को लेकर हम कितने गंभीर हैं। सिर्फ सरकार या पुलिस पर दोष मढ़ना काफी नहीं होगा, जब तक समाज और परिवार इस दिशा में जिम्मेदारी नहीं निभाते।

युवाओं में जागरूकता बढ़ाना और अभिभावकों को उनके कर्तव्यों के प्रति सचेत करना समय की मांग है। सड़क पर एक छोटी सी लापरवाही भी जिंदगियों को बर्बाद कर सकती है, और आज का यह हादसा इसका ताजा उदाहरण है।

अंत में सवाल यही है:
क्या अब भी हम सड़क सुरक्षा को हल्के में लेंगे या इस तरह के दर्दनाक हादसों से कुछ सबक लेंगे?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।