Dhanbad Rape Case : नाबालिग से दुष्कर्म के बाद 'जान से मारने' की धमकी, दो भाई गिरफ्तार!
एक गांव में माता-पिता के बाहर जाने पर अकेली नाबालिग लड़की के साथ दो नाबालिग भाइयों ने किया दुष्कर्म। पीड़िता ने मामा को फोन कर बताई पूरी घटना, अब POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज। पढ़ें पूरी खबर।
एक छोटे से गांव में 23 अप्रैल की शाम को एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया। एक नाबालिग लड़की, जिसके माता-पिता मजदूरी के लिए पश्चिम बंगाल गए थे, के साथ दो नाबालिग लड़कों ने सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया। पीड़िता ने जब विरोध किया तो उसे "जान से मारने" की धमकी दी गई। घटना के बाद पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या हुआ था उस शाम?
- पीड़िता अकेले घर पर थी, क्योंकि उसके माता-पिता काम की तलाश में बंगाल चले गए थे।
- शाम 7:30 बजे गांव के ही दो नाबालिग भाइयों ने उसके घर में घुसकर उसे पकड़ लिया।
- एक लड़के ने उसे घर के अंदर कमरे में घसीटकर दुष्कर्म किया, जबकि दूसरा लड़का दरवाजे पर पहरा देता रहा।
- पीड़िता ने बताया, "मुझे धमकाया गया कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे।"
- अगले दिन उसने हिम्मत जुटाकर अपने मामा को फोन कर सारी बात बताई, जिसके बाद थाने में शिकायत दर्ज हुई।
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
- दोनों आरोपी सगे भाई हैं और नाबालिग हैं।
- पुलिस ने कांड संख्या 32/25 के तहत मामला दर्ज किया है।
- थाना प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि जांच जारी है और आरोपियों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा।
क्या कहता है कानून?
- POCSO एक्ट के तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर 20 साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- चूंकि आरोपी भी नाबालिग हैं, इसलिए उन्हें सुधार गृह भेजा जा सकता है।
- IPC 376 (दुष्कर्म) और 506 (धमकी) के तहत भी केस दर्ज हुआ है।
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गांवों में बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं: क्यों?
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है। 2023 में उत्तर प्रदेश के गांवों में नाबालिगों के साथ यौन शोषण के 120+ मामले दर्ज हुए थे।
मुख्य कारण:
1. माता-पिता का पलायन: गरीबी के कारण मजदूरी के लिए शहरों में जाना।
2. पुलिस की कम निगरानी: गांवों में पेट्रोलिंग और सुरक्षा व्यवस्था कमजोर।
3. सामाजिक कलंक: पीड़िताएं अक्सर डर के कारण शिकायत नहीं करतीं।
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अब क्या होगा आगे?
1. पीड़िता का मेडिकल टेस्ट पूरा कराया जाएगा।
2. आरोपियों के परिवार से पूछताछ की जाएगी।
3. जुवेनाइल कोर्ट में केस की सुनवाई होगी।
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क्या सीखा जाए?
यह मामला दिखाता है कि गांवों में नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। अगर पीड़िता ने हिम्मत न दिखाई होती, तो यह घटना शायद दबी रह जाती। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
अब सवाल यह है – क्या इस बार न्याय मिलेगा?
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