Ranchi Arrest: रेलवे घोटाले का पर्दाफाश, 32 लाख घूस के साथ चीफ इंजीनियर समेत 4 गिरफ्तार
रांची में सीबीआई ने साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ इंजीनियर सहित चार लोगों को 32 लाख रुपये घूस के साथ गिरफ्तार किया। जानिए कैसे हुआ इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश।

रांची से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सीबीआई ने साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ इंजीनियर समेत चार लोगों को 32 लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों में इंजीनियर के एक पारिवारिक सदस्य और एक निजी कंपनी से जुड़े दो कर्मचारी भी शामिल हैं।
यह गिरफ्तारी कोई अचानक हुई कार्रवाई नहीं थी, बल्कि महीनों की सघन जांच का नतीजा थी।
कैसे हुआ घोटाले का भंडाफोड़
सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी कि रेलवे में अंडरब्रिज और ओवरब्रिज निर्माण के ठेके में भारी पैमाने पर रिश्वतखोरी चल रही है। शुरुआती शिकायतों की पुष्टि के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर गंभीर जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि एक निजी कंपनी के एमडी ने अपने बेटे को बताया था कि वह साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ इंजीनियर से मुलाकात करने विलासपुर रवाना हो रहा है।
बैठक में सौदा पक्का हुआ — लंबित फाइलों के निपटारे के एवज में 32 लाख रुपये की डील फाइनल कर दी गई। एमडी ने अपने स्टाफ को आदेश दिया कि तय रकम रांची स्थित इंजीनियर के पारिवारिक सदस्य को सौंप दी जाए। इधर इंजीनियर ने भी अपने पारिवारिक सदस्य को आगाह कर दिया कि एक व्यक्ति मोटी रकम लेकर आने वाला है।
रांची में हुई बड़ी गिरफ्तारी
सीबीआई की टीम पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रही थी। जैसे ही पैसे का लेन-देन होने वाला था, सीबीआई ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चीफ इंजीनियर, निजी कंपनी के दो कर्मचारी और इंजीनियर के एक परिजन को 32 लाख रुपये नकद के साथ धर दबोचा।
फिलहाल चारों आरोपियों से कड़ी पूछताछ जारी है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने रांची और छत्तीसगढ़ के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनसे पूरे घोटाले की परतें खुलने की संभावना है।
रेलवे में रिश्वतखोरी का पुराना इतिहास
अगर पीछे झांका जाए तो भारतीय रेलवे में भ्रष्टाचार के किस्से कोई नयी बात नहीं हैं। स्वतंत्रता के बाद से ही रेलवे ठेकों में घूसखोरी के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं। चाहे कोच फैक्ट्री का मामला हो या पुल निर्माण का, कई बड़े घोटालों ने रेलवे की छवि को नुकसान पहुँचाया है।
2000 के दशक में भी रेलवे टेंडर घोटाले में कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार आज भी सवालों के घेरे में है।
अब आगे क्या?
सीबीआई सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और बैंक खातों की जांच से कई और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। फिलहाल एजेंसी सबूतों को मजबूत कर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है।
यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस केस के जरिये रेलवे महकमे में फैले भ्रष्टाचार के जाल को तोड़ने की एक बड़ी शुरुआत हो सकती है।
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