GST Update 2025 : जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव, मंत्री समूह ने दो स्लैब प्रणाली को दी मंजूरी, 12 और 28 फीसदी स्लैब होंगे समाप्त
जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव। मंत्री समूह ने 5% और 18% दो स्लैब प्रणाली को मंजूरी दी। 12% और 28% दरें खत्म होंगी। लग्जरी कारों पर 40% टैक्स प्रस्तावित।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बड़े बदलाव की दिशा में अहम कदम उठाया गया है। जीएसटी दरों की समीक्षा और युक्तिकरण के लिए गठित मंत्री समूह (GoM) ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत अब जीएसटी की वर्तमान चार स्लैब संरचना (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब – 5% और 18% कर दिया जाएगा।
मंत्री समूह ने 12% और 28% स्लैब को समाप्त करने के केंद्र के सुझाव को भी स्वीकार कर लिया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं मंत्री समूह के संयोजक सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी।
छह राज्यों के मंत्री शामिल
जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित इस मंत्री समूह में छह राज्यों के मंत्री शामिल हैं।
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बिहार से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (संयोजक)
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उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना
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राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह
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पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य
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कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा
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केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल
बैठक के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि “समूह ने केंद्र सरकार के दोनों प्रस्तावों – केवल दो स्लैब रखने और 12 व 28 प्रतिशत को समाप्त करने – को स्वीकार कर लिया है।”
विलासिता वस्तुओं पर बढ़ेगा टैक्स
बैठक में विलासिता और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर कर दर को और अधिक सख्त बनाने की चर्चा हुई।
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यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रस्ताव में इन वस्तुओं पर 40% जीएसटी लगाने का सुझाव है।
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पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि उनके राज्य ने सुझाव दिया है कि 40% जीएसटी के ऊपर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाए, ताकि लग्जरी कार जैसी वस्तुओं पर मौजूदा कराधान संरचना बनी रहे।
आम आदमी और एमएसएमई को राहत
केंद्र सरकार ने वस्तुओं को ‘गुण’ और ‘मानक’ के आधार पर दो श्रेणियों (5% और 18%) में वर्गीकृत करने का प्रस्ताव दिया था। इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग, किसानों और एमएसएमई पर कर का बोझ घटाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्री समूह से कहा था कि “इस बदलाव से आम आदमी, किसान, मध्यम वर्ग और छोटे उद्यमों को सीधी राहत मिलेगी। साथ ही कर प्रणाली सरल, पारदर्शी और विकासोन्मुखी बनेगी।”
बीमा पर भी हुई चर्चा
मंत्री समूह ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। यदि यह लागू हुआ, तो सालाना लगभग 9700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, अधिकांश राज्य इस छूट के पक्ष में दिखे।
राज्यों ने यह भी सुझाव दिया कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट का सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
वर्तमान जीएसटी दर संरचना
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5% – खाद्य पदार्थ और आवश्यक वस्तुएं
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12% और 18% – सामान्य वस्तुएं एवं सेवाएं
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28% – विलासिता और अहितकर वस्तुएं (कार, तंबाकू, पान मसाला आदि)
28% स्लैब की वस्तुओं पर वर्तमान में उपकर (Cess) भी लगाया जाता है।
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