Hospital Reality Check: चाईबासा सदर अस्पताल करोड़ों की लागत के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित
चाईबासा सदर अस्पताल पर खर्च हुए 215 करोड़ रुपये, फिर भी मरीजों को न पानी, न स्वच्छ शौचालय और न बिस्तर की सुविधा। भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने सरकार से तुरंत सुधार की मांग की।

चाईबासा, झारखंड : कहते हैं "अस्पताल जीवन बचाने की जगह होते हैं", लेकिन जब वही अस्पताल मरीजों के लिए समस्याओं का घर बन जाए, तो सवाल खड़ा होना लाजमी है। सदर अस्पताल चाईबासा, जिसे 215 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, आज बुनियादी सुविधाओं के अभाव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पानी की सबसे बड़ी समस्या
सरकार का नारा है – “जल ही जीवन है”। लेकिन अस्पताल की हकीकत इस नारे के ठीक उलट है।
-
न महिला वार्ड और न ही पुरुष वार्ड में पीने योग्य पानी की व्यवस्था है।
-
पूरे अस्पताल में केवल दो जगह ही पानी उपलब्ध है:
-
कैंटीन/रसोईघर – जहाँ गर्म पानी ₹5 और नॉर्मल पानी ₹2 की बोतल में मिलता है।
-
ओपीडी – जहाँ एक वॉटर मशीन लगी है, लेकिन पानी साफ है या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं।
-
मरीजों और उनके परिजनों को पीने का पानी लेने के लिए दो-दो मंजिल नीचे उतरना पड़ता है। ठंडे पानी और गर्म पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सोचिए, अगर कोई मरीज दो दिन भर्ती हो, तो यह परेशानी कितनी बड़ी हो जाती होगी।
स्वच्छता की बदहाल स्थिति
सरकार का एक और नारा है – “स्वस्थ भारत, एक कदम स्वच्छता की ओर”।
लेकिन अस्पताल के बाथरूम और शौचालय इस नारे का मज़ाक उड़ाते दिखाई देते हैं।
निरीक्षण में पाया गया कि लेटरिन और बाथरूम का गेट टूटा हुआ है, कई जगह सफाई नहीं होती और बदबू से हालत खराब रहती है। मरीज बीमार होकर आते हैं, लेकिन यहां की गंदगी उनकी तकलीफ और बढ़ा सकती है।
बिस्तरों की भारी कमी
इतने बड़े बजट में बने अस्पताल में बिस्तरों की भारी कमी होना भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। मरीजों और उनके परिजनों को ज़मीन पर बैठना पड़ता है। ऐसे में एक सरकारी अस्पताल का उद्देश्य ही सवालों के घेरे में आ जाता है।
बड़ा सवाल – करोड़ों का बजट, लेकिन क्यों नहीं सुधरी व्यवस्था?
215 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अस्पताल में साफ पानी, स्वच्छ शौचालय और पर्याप्त बिस्तर जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। क्या सरकार मात्र ₹25 लाख का छोटा खर्च करके इन सुविधाओं की व्यवस्था नहीं कर सकती?
अगर यह सुधार हो जाए, तो हजारों मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियाँ तुरंत कम हो सकती हैं।
भाजपा नेता ने उठाई आवाज़
युवा भाजपा नेता दुवारिका शर्मा (आईटी सेल संयोजक, चाईबासा नगर) ने कहा –
“सरकार का नारा तभी सार्थक होगा जब मरीजों को अस्पताल में बुनियादी सुविधाएँ – साफ पानी, स्वच्छ शौचालय और बेड – उपलब्ध कराई जाएँ। सदर अस्पताल की अंदरूनी स्थिति तुरंत सुधारने की जरूरत है।”
सदर अस्पताल चाईबासा की चमचमाती बिल्डिंग और करोड़ों का बजट बाहर से तो लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन अंदर झांककर देखने पर हकीकत बिल्कुल अलग है। अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह इन कमियों को कब और कैसे दूर करती है।
What's Your Reaction?






