Jharkhand Warning Alert: मंईयां योजना की राशि अटक सकती है, 10 हजार लाभुक खतरे में!

झारखंड की मंईयां सम्मान योजना के 10 हजार लाभुकों को अप्रैल की राशि नहीं मिल सकती है, आधार सीडिंग नहीं कराने पर भुगतान अटक सकता है।

Apr 26, 2025 - 13:00
 0
Jharkhand Warning Alert: मंईयां योजना की राशि अटक सकती है, 10 हजार लाभुक खतरे में!
Jharkhand Warning Alert: मंईयां योजना की राशि अटक सकती है, 10 हजार लाभुक खतरे में!

झारखंड में चल रही मंईयां सम्मान योजना इस बार एक बड़ी तकनीकी अड़चन का शिकार हो सकती है। अगर आपने अभी तक अपने बैंक खाते को आधार से लिंक नहीं कराया है, तो अप्रैल महीने की ₹2500 की राशि आपकी जेब तक नहीं पहुँच पाएगी। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इस सामाजिक सुरक्षा योजना के करीब 10 हजार लाभुक इस खतरे के घेरे में हैं, जिनका बैंक खाता अभी भी आधार से लिंक नहीं है।

अब सवाल यह है — क्या समय रहते समाधान मिल पाएगा या लाभुकों को भटकना पड़ेगा?

मंईयां सम्मान योजना: महिलाओं के लिए एक बड़ी पहल

थोड़ा पीछे चलते हैं। मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक अहम सामाजिक योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके तहत लाभुक महिलाओं को हर महीने ₹2500 की सहायता राशि सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के ज़रिए उनके बैंक खातों में भेजी जाती है।

यह योजना खास तौर पर उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सामाजिक सुरक्षा के तहत सहायता चाहती हैं। लेकिन अब इस सहायता पर "आधार सीडिंग" का संकट छा गया है।

तीन दिन का अल्टीमेटम: वरना नहीं आएगी अप्रैल की राशि!

सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने साफ कर दिया है कि जिन लाभुकों के बैंक खाते आधार से सीड नहीं हुए हैं, उन्हें तीन दिन के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। अगर तय समय में ऐसा नहीं किया गया, तो अप्रैल महीने की राशि अटक जाएगी

ज़िला प्रशासन ने संबंधित लाभुकों की सूची प्रखंड कार्यालयों और पंचायत सचिवालयों को भेज दी है। यह सूची सूचना पट्टों पर चिपकाई जा रही है, ताकि लाभुकों को अंतिम चेतावनी समय रहते मिल सके।

लाभुकों की चुनौतियाँ: तकनीकी झंझट और सरकारी दौड़

सूत्रों की मानें तो अगर किसी लाभुक का खाता अप्रैल में डीबीटी से वंचित रह गया, तो दोबारा भुगतान कराना तकनीकी रूप से जटिल होगा। ऐसे में उन्हें प्रखंड से लेकर ज़िला कार्यालय तक कई बार चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

इसलिए सरकार ने चेतावनी दी है कि लाभुक अपने नज़दीकी बैंक शाखा या सीएसपी केंद्र में जाकर जल्द से जल्द आधार सीडिंग करा लें।

आधार सीडिंग में सबसे पीछे तीन बड़े प्रखंड

चौंकाने वाली बात यह है कि उधवा, बरहेट और बरहड़वा प्रखंड के कुल 4928 लाभुकों ने अब तक आधार सीडिंग नहीं करवाई है। यानी कुल गैर-सीड लाभुकों का लगभग 49% सिर्फ इन्हीं तीन इलाकों से हैं। यदि यही हाल रहा तो इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा प्रभावित लोग होंगे।

क्या लाभुकों की लापरवाही भारी पड़ेगी?

सरकार पहले भी कई बार आधार सीडिंग को लेकर चेतावनी जारी कर चुकी है, लेकिन अब भी हजारों लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों की भागीदारी पर्याप्त है? या फिर हर बार अंतिम समय पर दौड़-भाग करके ही समस्याएँ सुलझती रहेंगी?

समय रहते न करें लापरवाही!

अप्रैल की राशि पाने के लिए ये तीन दिन निर्णायक हैं। जिनका बैंक खाता अब तक आधार से लिंक नहीं हुआ है, उनके लिए ये आखिरी मौका है। वरना योजना का लाभ अगले कई महीनों तक रुका रह सकता है

एक छोटी सी प्रक्रिया, बड़ा असर

आधार सीडिंग कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है, लेकिन समय पर न कराने से एक ज़रूरी सहायता योजना रुक सकती है। ऐसे में राज्य सरकार और प्रशासन की कोशिशें तब तक सफल नहीं होंगी, जब तक लाभुक खुद जिम्मेदारी नहीं दिखाएंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।