MP Horror: तीन नाबालिगों और एक महिला के साथ जंगल में हुआ गैंगरेप, सात आरोपी गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के बालाघाट में तीन नाबालिग लड़कियों और एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सात आरोपी गिरफ्तार। जानिए पूरी घटना।

मध्य प्रदेश के बालाघाट से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। तीन नाबालिग लड़कियां और एक महिला जब एक विवाह समारोह से लौट रही थीं, तभी रास्ते में सात दरिंदों ने उनका पीछा कर, सुनसान इलाके में ले जाकर उनके साथ गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।
कैसे हुआ हमला?
यह वारदात गुरुवार दोपहर 1:30 से 2:00 बजे के बीच हट्टा थाना क्षेत्र में घटी। दो मोटरसाइकिलों पर सवार सात आरोपी, जो पहले से शिकार की ताक में थे, ने पीड़ितों के साथ मौजूद एक लड़के का पीछा किया। मौका देखते ही इन दरिंदों ने झाड़ियों के बीच घसीटकर पीड़िताओं पर हमला किया और बारी-बारी से दरिंदगी की।
पीड़ितों के सामने आने और साहसिक तरीके से घटना की जानकारी देने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मामला दर्ज किया। बालाघाट के एसपी नागेंद्र सिंह ने बताया कि सभी सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लोकेश मात्रे, लालचंद खरे, अजेंद्र बाहे, अज्जू बागदाते, राजेंद्र कावरे और मनीराम बाहे के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 20 से 28 वर्ष के बीच है। हैरानी की बात यह है कि इन सातों में से एक आरोपी नाबालिग भी है, जिसे किशोर न्यायालय में पेश करने के बाद सुधार गृह भेज दिया गया है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत सामूहिक बलात्कार समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
इतिहास में सामूहिक अपराधों की छाया
भारत के इतिहास में ऐसी कई घटनाएं रही हैं, जहां सुनसान इलाकों का फायदा उठाकर सामूहिक अपराधों को अंजाम दिया गया। निर्भया कांड हो या कठुआ कांड, इन वारदातों ने देश की आत्मा को झकझोर दिया था। बालाघाट की यह घटना भी उसी भयावह परंपरा का एक और दुखद उदाहरण बनकर सामने आई है, जिसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम आज भी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में नाकाम हैं?
पुलिस की तत्परता और आगे की कार्रवाई
बालाघाट पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। एसपी नागेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और समाज में एक सख्त संदेश जाए।
फिलहाल, पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उनका काउंसलिंग भी कराया जा रहा है ताकि वे इस सदमे से उबर सकें। साथ ही, पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ग्रामीण इलाकों में बढ़ती घटनाओं पर चिंता
यह घटना इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में महिलाओं की सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। सामाजिक जागरूकता की कमी, अपर्याप्त सुरक्षा उपाय और त्वरित न्याय प्रक्रिया की धीमी गति ऐसी घटनाओं को रोकने में बाधा बन रही है।
बालाघाट की इस शर्मनाक घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि महिला और बाल सुरक्षा के लिए सिर्फ कानून बनाना ही काफी नहीं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन की भी सख्त जरूरत है।
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