Chaibasa Violence: नक्सलियों ने ली दो युवकों की जान, बालू खनन को लेकर बर्बर हत्या
चक्रधरपुर के गुदड़ी थाना क्षेत्र में पीएलएफआइ नक्सलियों ने बालू खनन रोकने को लेकर दो युवकों की डंडों और धारदार हथियार से हत्या कर दी।
चक्रधरपुर (Chaibasa): पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना क्षेत्र के गिरू गांव में पीएलएफआइ उग्रवादियों की बर्बरता का मामला सामने आया है। नक्सलियों ने दो युवकों को डंडों और धारदार हथियारों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना रविवार देर रात की है, जबकि सोमवार सुबह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को बरामद किया।
बालू खनन को लेकर हत्या की साजिश
मृतकों की पहचान गुदड़ी निवासी विनोद तांती और खूंटी थाना क्षेत्र के घनसा टोपनो के रूप में हुई है। ग्रामीणों के अनुसार, बालू खनन के विवाद को लेकर पीएलएफआइ ने यह कदम उठाया। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
पोस्टर में मिली चेतावनी
घटना के बाद सोमवार सुबह ग्रामीणों ने गांव के चौक पर एक पोस्टर चिपका हुआ पाया। इसमें पीएलएफआइ ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए चेतावनी दी कि गुदड़ी से गोइलकेरा तक बालू खनन पूरी तरह से बंद किया जाए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही चक्रधरपुर एसडीपीओ नलिन कुमार मरांडी, इंस्पेक्टर महानंद सुरीन, गुदड़ी थाना प्रभारी महवा मिंज और गोइलकेरा थाना प्रभारी कमलेश राय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी।
बालू खनन पर पहले भी चेतावनी
यह पहली घटना नहीं है जब नक्सलियों ने बालू खनन को लेकर ऐसा कदम उठाया हो। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले इसी गांव के निवासी बिरसा पान को पीएलएफआइ उग्रवादियों ने बुरी तरह पीटा था और बालू खनन बंद करने की सख्त चेतावनी दी थी।
नक्सल गतिविधियों का ऐतिहासिक संदर्भ
पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सल गतिविधियां लंबे समय से सक्रिय हैं। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) नक्सली संगठन बालू खनन, लकड़ी तस्करी और अन्य गतिविधियों पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए इस तरह की हिंसक घटनाओं को अंजाम देता है।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा
घटना के बाद गुदड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है कि नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोग भयभीत
इस घटना के बाद इलाके के लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पीएलएफआइ आए दिन नए प्रतिबंध और चेतावनियां जारी करता रहता है, जिससे उनका जीवन असुरक्षित हो गया है।
प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने प्रशासन की नक्सल विरोधी नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार बालू खनन जैसे उद्योगों को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर नक्सली इसका इस्तेमाल अपनी ताकत दिखाने के लिए कर रहे हैं।
गुदड़ी की इस घटना ने नक्सल प्रभावित इलाकों में प्रशासन की सख्ती और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह जरूरी है कि प्रशासन इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे और स्थानीय लोगों के मन में व्याप्त भय को समाप्त करे।
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