Dhanbad Attack: अवैध बालू कारोबारियों की दबंगई, खनन विभाग पर दिनदहाड़े हमला
धनबाद में अवैध बालू माफियाओं ने खनन विभाग की टीम पर दिनदहाड़े हमला कर दिया। जानिए कैसे बढ़ता जा रहा है माफियाओं का हौसला और प्रशासन की चुनौतियां।
झारखंड के धनबाद में बालू माफियाओं की दबंगई एक बार फिर चर्चा में है। गुरुवार को सरायढेला थाना क्षेत्र के बालाजी पेट्रोल पंप के पास खनन विभाग की टीम पर दिनदहाड़े हमला कर दिया गया। यह घटना सुबह करीब 10 बजे हुई, जब खान निरीक्षक विजय करमाली और उनकी टीम अवैध बालू परिवहन के खिलाफ अभियान चला रहे थे।
टीम ने बलियापुर रोड पर बिना परिवहन चालान के बालू लदे दो ट्रैक्टर पकड़े थे। तभी 8-10 लोगों का एक समूह धारदार हथियार, लाठी, डंडा, और पत्थरों के साथ अचानक पहुंचा और टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए।
दूसरी बार निशाने पर खनन विभाग
यह घटना पिछले 22 दिनों में बालू माफियाओं द्वारा खनन विभाग पर किया गया दूसरा हमला है। इससे पहले 28 नवंबर को गोविंदपुर के सीओ धर्मेंद्र दुबे पर बरवाअड्डा इलाके में हमला किया गया था। उस घटना में सीओ को गंभीर चोटें आई थीं और उनका मोबाइल भी छीन लिया गया था। लेकिन आज तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे माफियाओं का हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है।
मामले में प्राथमिकी दर्ज, नामजद आरोपियों की तलाश जारी
सरायढेला थाना में खान निरीक्षक बसंत उरांव ने इस घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिकायत में कोल कुसमा निवासी राजेंद्र सिंह, निरसा ग्राम मोराईडीह के असीम मंडल उर्फ चीकू मंडल, राकेश मंडल उर्फ प्रकाश मंडल, गोविंदपुर के राहुल सिंह और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने बताया कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
पहले भी पकड़े गए थे अवैध वाहन
गुरुवार की सुबह खनन विभाग की टीम ने हटिया मोड़ के पास बिना चालान के बालू ले जा रहे चार टाटा 407 वाहनों को पकड़ा था। इन वाहनों को धनबाद थाना को सुपुर्द कर दिया गया और प्राथमिकी दर्ज की गई। इन वाहनों के नंबर जेएच 10 जी 4737, जेएच 10 ए 3282, जेएच 09 एम 7478, और बीआर 16 जी 8963 हैं।
अवैध बालू खनन का इतिहास और इसके दुष्प्रभाव
झारखंड के धनबाद और इसके आसपास के इलाके लंबे समय से अवैध खनन के लिए कुख्यात रहे हैं। बालू माफिया न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी क्षति हो रही है। बालू माफिया अक्सर अधिकारियों पर हमला करते हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आती है।
यह पहली बार नहीं है जब माफियाओं ने खनन विभाग या प्रशासन के अधिकारियों पर हमला किया हो। ऐसे मामलों में आरोपियों को पकड़ने और सजा दिलाने में अक्सर देरी होती है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता है।
प्रशासन की चुनौतियां और संभावित समाधान
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सख्त कार्रवाई की जरूरत:
अवैध खनन और माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस और प्रशासन को अधिक सख्ती दिखानी होगी। -
स्थायी निगरानी:
बालू खनन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। -
जनजागरूकता:
स्थानीय लोगों को अवैध खनन के दुष्प्रभाव और इससे जुड़े कानूनों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। धनबाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
धनबाद में अवैध बालू खनन और माफियाओं का आतंक स्थानीय प्रशासन और लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और सख्त सजा ही माफियाओं के हौसले पस्त कर सकती है।
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