Jamshedpur Raid - मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाओं की बिक्री जांच, बड़ा खुलासा!
जमशेदपुर में नशीली दवाओं पर कड़ी कार्रवाई! ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर अवैध बिक्री पर शिकंजा कसा। जानिए पूरी खबर!

जमशेदपुर में नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कदमा क्षेत्र में कई मेडिकल स्टोर्स पर औचक जांच की। इस दौरान, गुप्ता मेडिकल के संचालक को स्पसमो-प्रोक्सीवों कैप्सूल और टॉसेक्स कफ सिरप की खरीद-बिक्री का तीन दिनों के भीतर पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, भाटिया मेडिकल और बालाजी मेडिकल की भी जांच की गई।
नशीली दवाओं पर सख्ती क्यों जरूरी?
नशीली दवाओं की अवैध बिक्री और इनके दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। कई बार देखा गया है कि ये दवाएं बिना डॉक्टरी पर्चे के आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जिससे युवा वर्ग और अन्य लोग इनके लती बन जाते हैं। यही कारण है कि प्रशासन ने अब इस पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है।
जमशेदपुर में नशीली दवाओं का बढ़ता खतरा
झारखंड में बीते कुछ वर्षों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कई मामले सामने आए हैं। खासकर, जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में यह समस्या तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री कई बार बिना सही दस्तावेजों के होती रही है, जिससे इसका गैरकानूनी उपयोग बढ़ा है। यही कारण है कि प्रशासन ने अब इसे गंभीरता से लिया है।
ड्रग इंस्पेक्टर की कार्रवाई में क्या हुआ?
कदमा इलाके में हुई इस औचक जांच के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर मो. अबरार आलम की टीम ने कई मेडिकल स्टोर्स की पड़ताल की। इसमें गुप्ता मेडिकल, भाटिया मेडिकल और बालाजी मेडिकल शामिल थे।
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गुप्ता मेडिकल: संचालक को निर्देश दिया गया कि वह स्पसमो-प्रोक्सीवों और टॉसेक्स कफ सिरप की बिक्री का पूरा रिकॉर्ड पेश करें।
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भाटिया मेडिकल और बालाजी मेडिकल: इन दोनों स्टोर्स की भी गहन जांच की गई, और दवाओं के स्टॉक व उनके बिल की जांच की गई।
कैसे होता है नशीली दवाओं का दुरुपयोग?
नशीली दवाएं, जैसे स्पसमो-प्रोक्सीवों और टॉसेक्स कफ सिरप, का उपयोग आमतौर पर दर्द निवारण और सर्दी-खांसी के इलाज के लिए किया जाता है। लेकिन, कुछ लोग इनका नशे के रूप में उपयोग करने लगते हैं। यही कारण है कि सरकार और प्रशासन इनकी अनियमित बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं।
प्रशासन की आगे की योजना
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि यह जांच अभियान केवल शुरुआत है। भविष्य में पूरे जिले में इसी तरह के औचक निरीक्षण किए जाएंगे, ताकि किसी भी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री न हो। सभी स्टोर्स को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखें और जरूरत पड़ने पर अधिकारियों को दिखाएं। यदि कोई मेडिकल स्टोर इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आम जनता की भूमिका
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के बारे में जानकारी मिले, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। यह कदम समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए बेहद जरूरी है।
जमशेदपुर प्रशासन ने नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे बेहद सराहनीय हैं। इस प्रकार की नियमित जांच से न केवल दवा कारोबार में पारदर्शिता आएगी, बल्कि अवैध बिक्री करने वालों पर भी लगाम लगेगी। अगर यह अभियान इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में शहर को नशीली दवाओं के खतरे से मुक्त किया जा सकता है।
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