Nawada Accident News: Nawada में हादसा: Newspaper Seller की सड़क दुर्घटना में मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
Nawada के सिरदला थाना क्षेत्र में अखबार विक्रेता की तेज रफ्तार कार की टक्कर से मौत। डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप। परिजनों में शोक। जानें पूरी घटना।
नवादा, बिहार – नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में एक अखबार विक्रेता की मौत हो गई। मृतक की पहचान शाहपुर गांव के निवासी मुनि प्रसाद के रूप में हुई है। इस दुर्घटना ने न केवल उनके परिवार को गहरा आघात दिया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को भी उजागर कर दिया है।
कैसे हुआ हादसा?
मुनि प्रसाद, जो हर दिन की तरह अखबार बेचने के बाद शाम को अपनी साइकिल से घर लौट रहे थे, उनकी जिंदगी एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गई। हादसा शाहपुर पेट्रोल पंप के पास हुआ। कार की जोरदार टक्कर से वे बुरी तरह घायल हो गए।
डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और मुनि जी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिरदला ले जाया गया। लेकिन वहां मौजूद चिकित्सीय व्यवस्था की हालत ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
परिजनों ने आरोप लगाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिरदला में डॉक्टर समय पर मौजूद नहीं थे। डॉक्टर के देर से आने के कारण मुनि प्रसाद को सही समय पर इलाज नहीं मिल सका।
स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि यदि डॉक्टर समय पर पहुंच जाते, तो शायद मुनि प्रसाद की जान बचाई जा सकती थी।
सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में मौत
डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद मुनि प्रसाद को सदर अस्पताल नवादा रेफर कर दिया। लेकिन, अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
परिवार पर दुखों का पहाड़
मुनि प्रसाद अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत ने उनके परिवार को न केवल भावनात्मक, बल्कि आर्थिक रूप से भी तोड़कर रख दिया है। परिवार के लोग रो-रोकर बेहाल हैं। शाहपुर गांव में मातम का माहौल है।
मुनि प्रसाद अपने सरल स्वभाव और मेहनत के लिए जाने जाते थे। उनका यूं अचानक चले जाना पूरे इलाके के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
गांव में शोक की लहर
मुनि प्रसाद की मौत की खबर से शाहपुर गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। गांव में हर कोई उनके परिवार की इस पीड़ा में शामिल है।
स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति
यह घटना बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति।
- आपातकालीन स्थिति में देरी।
- बेहतर इलाज के लिए पर्याप्त साधनों की कमी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सिरदला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऐसी लापरवाही कोई नई बात नहीं है। इस घटना ने प्रशासन को एक बार फिर सचेत करने का काम किया है।
बिहार में सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ता ग्राफ
बिहार में सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा के अभाव में ऐसे हादसे आम हो गए हैं।
- तेज रफ्तार वाहन चलाने पर सख्ती नहीं।
- सड़क पर सुरक्षा के उचित संकेतकों की कमी।
- दुर्घटना के बाद आपातकालीन सेवाओं में देरी।
ऐसे में आम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है।
व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और सड़क सुरक्षा दोनों ही बदतर स्थिति में हैं।
- स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
- सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए।
नवादा जिले में हुए इस हादसे ने एक परिवार को तबाह कर दिया है और स्वास्थ्य व सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुनि प्रसाद जैसे मेहनती और सरल स्वभाव के व्यक्ति का यूं असमय चले जाना पूरे इलाके के लिए एक बड़ी क्षति है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस घटना से सबक लेना चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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