Tragic Accident : जमशेदपुर में खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से मासूम की मौत

जमशेदपुर के पास डेमडुबी इलाके में खुले सेप्टिक टैंक में गिरकर 4 वर्षीय मासूम उस्मान की मौत। हादसे के बाद इलाके में गुस्सा, लोगों ने प्रशासन और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया।

Aug 28, 2025 - 18:14
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Tragic Accident : जमशेदपुर में खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से मासूम की मौत
Tragic Accident : जमशेदपुर में खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से मासूम की मौत

जमशेदपुर से सटे कपाली के डेमडुबी इलाके में बुधवार की शाम एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक और आक्रोश से भर दिया। गैलेक्सी पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाला चार वर्षीय मासूम बच्चा उस्मान गनी खुले सेप्टिक टैंक में गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और ठेकेदारों की गैर-जिम्मेदारी का ज्वलंत उदाहरण बनकर सामने आया है।

मासूम की जिंदगी, लापरवाही की भेंट

बुधवार शाम उस्मान अपनी दादी के घर गया था। लेकिन जब उसने वहां किसी को नहीं देखा तो घर लौटने का निश्चय किया। घर लौटते वक्त उसके रास्ते में एक निर्माणाधीन स्थल पड़ा, जहां पिछले छह महीनों से खुला छोड़ा गया सेप्टिक टैंक मौजूद था। बारिश के कारण उसमें पानी भरा हुआ था। अचानक पैर फिसलने से मासूम उस्मान उसी टैंक में जा गिरा और कुछ ही पलों में उसकी जिंदगी बुझ गई।

देर से मिली जानकारी, निकला मासूम का शव

इस घटना की सबसे पीड़ादायक बात यह रही कि आधे घंटे तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब उस्मान घर नहीं लौटा तो परिजनों और मोहल्ले वालों ने उसकी तलाश शुरू की। खोजबीन के दौरान टैंक की ओर ध्यान गया और उसमें झांकने पर मासूम की लाश मिली। आनन-फानन में उसे टाटा मुख्य अस्पताल (TMH) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पूरे इलाके में मातम और गुस्सा

उस्मान की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था और स्थानीय लोगों का गुस्सा ठेकेदारों और प्रशासन पर फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि यह टैंक छह महीनों से खुला पड़ा था और इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी थी। बावजूद इसके किसी ने इसे ढकने की जहमत नहीं उठाई।

जिम्मेदार कौन?

अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है? निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी, ठेकेदार या फिर स्थानीय प्रशासन, जिसने महीनों तक इस मुद्दे की अनदेखी की। लोगों का कहना है कि अगर टैंक को ढक दिया गया होता तो आज उस्मान जिन्दा होता। यह लापरवाही सीधा-सीधा हत्या के बराबर है।

स्थानीय लोगों और परिजनों की मांग

हादसे के बाद परिजन और स्थानीय लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि क्षेत्र में जितने भी खुले टैंक या गड्ढे हैं, उन्हें तुरंत ढकने की व्यवस्था की जाए। साथ ही इस मामले में जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारियों पर भी हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

प्रशासन की चुप्पी

घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। केवल खानापूर्ति करने की बातें कही जा रही हैं। लेकिन स्थानीय लोग अब कार्रवाई चाहते हैं, केवल आश्वासन नहीं।

एक सबक, जो सीखना जरूरी

यह हादसा केवल उस्मान के परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। अगर शहर और कस्बों में निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया तो भविष्य में ऐसे हादसे बार-बार होंगे। खुले टैंक और गड्ढे सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि आम लोगों की जिंदगी के लिए खतरा हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।