Navada Court Orders FIR: अभियंता के खिलाफ एफआईआर, लापरवाही ने बढ़ाई परेशानी!

नवादा कोर्ट ने अभियंता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। जानें कैसे उनकी लापरवाही ने स्वास्थ्य और सरकारी संपत्ति को खतरे में डाला।

Jan 23, 2025 - 16:58
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Navada Court Orders FIR: अभियंता के खिलाफ एफआईआर, लापरवाही ने बढ़ाई परेशानी!
Navada Court Orders FIR: अभियंता के खिलाफ एफआईआर, लापरवाही ने बढ़ाई परेशानी!

नवादा :- नवादा व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन ने भवन निर्माण एवं विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश एक आवेदन पर दिया गया, जिसमें कहा गया कि न्यायिक अधिकारी कॉलनी में बिना अनुमति के बिजली का मीटर लगाने के दौरान शौचालय का टैंक क्षतिग्रस्त हो गया था।

आवेदन में यह भी बताया गया कि भवन निर्माण विभाग को पत्राचार के जरिए इस क्षतिग्रस्त टैंक के मरम्मत की जानकारी दी गई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। श्री रंजन के घर के रसोईघर के पास स्थित यह शौचालय टैंक अब दुर्गंध फैलाने लगा है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो रहा है।

मंगलवार को जब श्री रंजन न्यायालय जा रहे थे, उनका वाहन इस क्षतिग्रस्त टैंक में फंस गया, और एक बड़े हादसे को होने से बचा लिया गया। टैंक से वाहन निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिससे उन्हें न्यायालय पहुँचने में देरी हुई।

इस आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया कि कार्य को दिखाने के दौरान सरकारी धन का गबन करने का प्रयास किया गया। दोनों विभागों के अभियंता की लापरवाही और उदासीनता के कारण अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को मानसिक और शारीरिक यातना का सामना करना पड़ा, और सरकारी संपत्ति को भी नुकसान हुआ है।

यह मामला सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डालने वाली घटनाओं को उजागर करता है। कोर्ट का एफआईआर का आदेश यह संकेत देता है कि सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाएगा।

आगे क्या होगा?

कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में अभियंताओं पर कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। यह मामला सार्वजनिक प्रशासन में जवाबदेही को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

नवादा का यह मामला सरकारी विभागों में लापरवाही के गंभीर परिणामों को उजागर करता है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और स्वास्थ्य संकट के खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कोर्ट का यह कदम यह स्पष्ट करता है कि लापरवाही को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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