Tata Ranchi: शॉर्टकट रेलवे लाइन बिछाने की बढ़ी मांग, सांसद विद्युत महतो ने उठाई महत्वपूर्ण मुद्दे की बात
टाटा से रांची के बीच शॉर्टकट रेलवे लाइन बिछाने की मांग, सांसद विद्युत महतो ने बैठक में उठाए अहम मुद्दे, जानें रेल जीएम से क्या हुई चर्चा।
जमशेदपुर: रेल यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने और रेल नेटवर्क को और सशक्त बनाने के लिए झारखंड के सांसद विद्युत वरण महतो ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने टाटा से रांची के बीच शॉर्टकट रेलवे लाइन बिछाने की मांग उठाई है। यह मांग तब सामने आई जब दक्षिण पूर्व रेलवे के जनरल मैनेजर (जीएम) अनिल कुमार मिश्रा ने सोमवार को जमशेदपुर में एक होटल में झारखंड और बंगाल के 9 सांसदों के साथ बैठक की। इस बैठक में रेलवे स्टेशन की सुविधाओं, ट्रेनों के ठहराव, और आने वाले विकास कार्यों पर चर्चा की गई। इस लेख में जानिए इस बैठक में क्या-क्या अहम बातें उठाई गईं और सांसद महतो ने किस तरह से झारखंड के यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं की बात की।
रेल जीएम ने किया यात्री सुविधाओं के विस्तार का ऐलान
बैठक में रेल जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने सबसे पहले यात्री सुविधाओं में हो रहे सुधार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न सुविधाओं के विस्तार पर लगातार काम चल रहा है। विशेषकर आदित्यपुर स्टेशन पर प्लेटफार्मों की संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई है। साथ ही, प्लेटफार्म की लंबाई भी 600 मीटर कर दी गई है। यह बदलाव 21 जनवरी तक पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा, टाटानगर स्टेशन के विकास के लिए 319 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसके तहत स्टेशन के विस्तार की योजना बनाई जा रही है।
ट्रेनों के ठहराव पर रेल जीएम का बयान
रेल जीएम ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि किसी भी स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव तब किया जाता है जब वहां से यात्री बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले कई ट्रेनों का ठहराव हटा लिया गया था, लेकिन अब अधिकांश ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनों के ठहराव की मंजूरी रेलवे बोर्ड से मिलती है और उनकी जिम्मेदारी सिर्फ मांगों को आगे बढ़ाने तक ही सीमित है।
सांसद विद्युत महतो की प्रमुख मांगें
जमशेदपुर के सांसद विद्युत महतो ने इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं। उन्होंने रेल जीएम से टाटा से जयपुर और टाटा से दिल्ली के लिए अलग से ट्रेन चलाने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने टाटा से रांची तक एक नई शॉर्टकट रेलवे लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा, जो नामकुम होकर गुजरे। उनका कहना था कि इससे झारखंड के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और यात्रा का समय कम होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चांडिल, बोड़ाम, पटमदा और बांदुवान जैसे पिछड़े इलाकों में रेलवे लाइन बिछाकर इन क्षेत्रों के यात्रियों को भी ट्रेनों का लाभ दिया जाए।
गोविंदपुर रेलवे हॉल्ट में सुधार की जरूरत
सांसद महतो ने गोविंदपुर रेलवे हॉल्ट में भी यात्री सुविधाओं के विस्तार की मांग की। उन्होंने रेल जीएम और डीआरएम के साथ वहां के स्थल का निरीक्षण करने की सहमति भी जताई। इस निरीक्षण के बाद वहां पर जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
बंगाल के सांसदों की भी अपनी मांगें
बैठक में बंगाल के सांसदों ने भी अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित ट्रेनों के ठहराव और अन्य सुविधाओं की मांग रखी। रेल जीएम ने सभी सांसदों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्दी ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रेल नेटवर्क का इतिहास और महत्व
भारतीय रेलवे का इतिहास काफी समृद्ध है। यह देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था है। रेलवे का नेटवर्क न केवल यात्रा की सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि यह देश के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। झारखंड जैसे राज्य में रेलवे का नेटवर्क यात्रियों के लिए जीवन रेखा साबित हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां परिवहन सुविधाएं सीमित हैं।
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