Galudih: मंईयां सम्मान योजना के तहत बैंक और सीएससी केंद्रों पर निकासी के लिए लगी लंबी कतारें

गालूडीह में मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं की उत्साही भीड़ बैंकों और सीएससी केंद्रों पर, जानिए मकर संक्रांति से पहले राशि निकासी के महत्व के बारे में।

Jan 13, 2025 - 16:22
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Galudih: मंईयां सम्मान योजना के तहत बैंक और सीएससी केंद्रों पर निकासी के लिए लगी लंबी कतारें
Galudih: मंईयां सम्मान योजना के तहत बैंक और सीएससी केंद्रों पर निकासी के लिए लगी लंबी कतारें

गालूडीह: गालूडीह में स्थित विभिन्न बैंकों और ग्राहक सेवा केंद्रों (CSC) पर मंईयां सम्मान योजना की राशि निकासी के लिए महिलाओं का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा है। सुबह से लेकर शाम तक बैंकों और सीएससी केंद्रों के बाहर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। खासकर मकर पर्व के मद्देनजर महिलाएं अपनी राशि निकालने के लिए बेहद उत्सुक दिख रही हैं। सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना के तहत खातों में 25 सौ रुपये क्रेडिट होने के बाद से इन केंद्रों पर भीड़ का आलम लगातार बढ़ता जा रहा है। महिलाएं इस राशि का उपयोग पर्व के दौरान घर-परिवार के लिए कुछ ख़ास खरीदारी करने के लिए करना चाहती हैं। आइए जानते हैं कि क्यों इस योजना ने गालूडीह की महिलाओं में इतना उत्साह भर दिया है और मकर संक्रांति के इस खास मौके पर क्यों हो रही है इतनी अधिक भीड़।

मंईयां सम्मान योजना: क्या है इसका महत्व?
मंईयां सम्मान योजना एक राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना है, जो महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इस योजना के तहत योग्य महिलाओं के खाते में 25 सौ रुपये की राशि दी जाती है, जो उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। महिलाओं का मानना है कि इस योजना के माध्यम से उन्हें काफी सहायता मिलती है, खासकर त्योहारों के समय। मकर संक्रांति जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर इस राशि का उपयोग घर के लिए जरूरी सामान खरीदने में किया जाता है।

महिलाओं में क्यों है इतनी उत्सुकता?
मकर संक्रांति का पर्व विशेष रूप से भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं न केवल घर की साफ-सफाई करती हैं, बल्कि परिवार के सदस्यों के लिए स्वादिष्ट भोजन, तिलकुट, गुड़, चूड़ा और अन्य पारंपरिक खाद्य सामग्री भी तैयार करती हैं। इस त्योहार को सही तरीके से मनाने के लिए महिलाएं हमेशा ही अपनी तरफ से पूरी मेहनत करती हैं। मंईयां सम्मान योजना की राशि इस बार उनके लिए खास तौर पर मददगार साबित हो रही है। महिलाएं यह राशि निकालकर घर के लिए जरूरी सामान की खरीदारी करना चाहती हैं ताकि पर्व का आनंद ठीक से लिया जा सके।

बैंक और सीएससी केंद्रों पर जमा हुईं महिलाएं
गालूडीह के बैंकों और सीएससी केंद्रों पर महिलाओं का उत्साह चरम पर है। सुबह-सुबह महिलाएं जल्दी उठकर बैंक पहुंच जाती हैं और लंबी कतारों में खड़ी हो जाती हैं। दिन भर यह सिलसिला चलता रहता है, और महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी होती जाती है। उन्हें इस राशि का इस्तेमाल खासतौर पर घर में आवश्यक सामान, वस्त्र, या अन्य धार्मिक सामान खरीदने में करना है। इसके अलावा, मकर संक्रांति के समय पर तिलकुट, गुड़, चूड़ा जैसी चीजें खरीदने के लिए भी महिलाएं यह राशि निकाल रही हैं।

त्योहारों के पहले आर्थिक स्वतंत्रता का अनुभव
मंईयां सम्मान योजना से महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि यह उन्हें अपनी जरूरतों के हिसाब से स्वतंत्र रूप से खरीदारी करने का अवसर भी देती है। खासकर इस समय पर जब त्योहारों का माहौल होता है, महिलाएं अपने परिवार के लिए खुशी से घर का माहौल बनाने के लिए इसे एक अच्छा अवसर मानती हैं। इस योजना से वे अपने घर-परिवार की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकती हैं।

मकर संक्रांति और तिलकुट का महत्व
मकर संक्रांति के दिन तिलकुट, गुड़ और चूड़ा का विशेष महत्व होता है। यह ना केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। तिल, गुड़ और चूड़ा का सेवन सर्दी के मौसम में शरीर को गर्मी प्रदान करता है और ऊर्जा का स्रोत बनता है। इस दिन विशेष रूप से महिलाएं इन चीजों को बनाने और बांटने का काम करती हैं, जो परिवार और समुदाय को जोड़ने का एक तरीका होता है। मंईयां सम्मान योजना की राशि इस बार महिलाओं को त्योहार को और भी उत्साह के साथ मनाने का मौका दे रही है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।