Tatanagar Terror: आधी रात को हाथियों का हमला, घर उजड़ा, परिवार बेघर!

तांतनगर के बड़ा तोरलो गांव में जंगली हाथियों का आतंक, आधी रात को घर तोड़कर चावल खा गए। परिवार बेघर, वन विभाग से कोई मदद नहीं। जानिए पूरी खबर।

Feb 21, 2025 - 15:27
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Tatanagar Terror: आधी रात को हाथियों का हमला, घर उजड़ा, परिवार बेघर!
Tatanagar Terror: आधी रात को हाथियों का हमला, घर उजड़ा, परिवार बेघर!

तांतनगर: झारखंड के मंझारी प्रखंड के बड़ा तोरलो गांव में बीती रात जंगली हाथियों का कहर टूटा। हाथियों के झुंड ने एक गरीब परिवार के कच्चे घर को तहस-नहस कर दिया और घर में रखा चावल खा गए। इतना ही नहीं, हाथियों ने खटिया, बर्तन और घर का सारा सामान तोड़ डाला। इस हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल है, और लखन कोडंकेल का परिवार बेघर हो गया

आधी रात को टूटा कहर, खौफ में सिमटा परिवार

लखन कोडंकेल उस रात गांव में नहीं था, वह माघे पर्व मनाने दूसरे गांव गया हुआ था। घर में उसकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे सो रहे थे।

  • अचानक हाथियों का झुंड गांव में घुस आया और लखन के घर पर हमला बोल दिया
  • पहले उन्होंने पुआल की दीवार गिराई, फिर घर के अंदर घुसकर चावल खाने लगे
  • बर्तन, खटिया और बाकी सामान को भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया
  • बच्चों की मां डर के मारे तीनों को लेकर एक कोने में चिपक गई और किसी तरह जान बचाई।

कुछ देर बाद हाथी वहां से चले गए, लेकिन घर पूरी तरह से उजड़ चुका था। अब लखन का परिवार दूसरे के घर में रहने को मजबूर है

हाथियों का आतंक, दहशत में पूरा गांव

बड़ा तोरलो गांव के आसपास के जंगलों में अक्सर जंगली हाथियों का झुंड आता रहता है। लेकिन अब वे सीधे गांव में घुसकर तबाही मचाने लगे हैं

  • शाम होते ही लोग दहशत में जी रहे हैं, क्योंकि कोई नहीं जानता कि अगला हमला किसके घर पर होगा
  • जंगल के निचले हिस्से में तोरलो डैम बना हुआ है, जिसकी वजह से यह इलाका हाथियों के प्राकृतिक रास्ते में आता है
  • हाथी यहां अक्सर पानी पीने और खाने की तलाश में आते हैं और गांव में घुस जाते हैं।

वन विभाग की लापरवाही पर गुस्सा, अब तक कोई मदद नहीं

इस हमले के बाद भी वन विभाग की ओर से कोई मदद नहीं मिली

  • ग्रामीणों का कहना है कि हर साल हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है
  • न कोई सुरक्षा दी गई, न ही कोई मुआवजा
  • ग्रामीणों में आक्रोश है, क्योंकि वे बार-बार शिकायत करने के बावजूद सरकार से कोई मदद नहीं पा रहे

झारखंड में क्यों बढ़ रहा है हाथियों का हमला?

झारखंड के जंगलों में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है

  • वनों की कटाई और मानव बस्तियों का विस्तार इसका सबसे बड़ा कारण है।
  • पहले हाथियों के पास जंगलों में पर्याप्त भोजन और पानी था, लेकिन अब वे भूख और प्यास की वजह से गांवों की ओर आने लगे हैं
  • हर साल झारखंड में सैकड़ों लोग हाथियों के हमले में अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन सरकार इस पर ठोस कदम नहीं उठा रही।

कैसे बचा सकते हैं गांववाले खुद को?

विशेषज्ञों के मुताबिक, गांववालों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए

  1. रात में घर के आसपास मशालें जलानी चाहिए, क्योंकि हाथी आग से डरते हैं।
  2. गांव में सामूहिक रूप से पटाखे और ड्रम बजाकर हाथियों को भगाने की तैयारी रखनी चाहिए
  3. वन विभाग को सक्रिय भूमिका निभानी होगी और गांवों में सुरक्षा दी जानी चाहिए
  4. सरकार को प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए ताकि वे अपने घर दोबारा बना सकें।

सरकार कब देगी ध्यान?

बड़ा तोरलो जैसे गांवों में हर साल हाथियों के हमले होते हैं, लेकिन प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेता

  • वन विभाग के अधिकारी अक्सर हाथियों के हमले के बाद ही आते हैं, लेकिन न तो पीड़ित परिवारों को राहत दी जाती है, न ही सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं
  • अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल हो सकती है

क्या इस बार प्रशासन जागेगा?

लखन का परिवार आज बेघर हो गया, लेकिन अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो कल किसी और का घर उजड़ सकता है

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।