Jamshedpur NTTF Selection: एनटीटीएफ के 14 छात्रों को श्नाइडर इलेक्ट्रिक में मिली बड़ी नौकरी, 3 लाख का सालाना पैकेज!
जमशेदपुर के एनटीटीएफ संस्थान के 14 छात्रों ने श्नाइडर इलेक्ट्रिक के कैंपस सिलेक्शन में शानदार प्रदर्शन कर 3 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी पाई। जानिए इस उपलब्धि की पूरी कहानी और इसके पीछे की मेहनत।

जमशेदपुर स्थित आर.डी. टाटा टेक्निकल एजुकेशन सेंटर (NTTF - Nettur Technical Training Foundation) एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है इसके होनहार छात्रों की शानदार सफलता। गुजरात स्थित अंतरराष्ट्रीय कंपनी Schneider Electric द्वारा आयोजित हालिया कैंपस सिलेक्शन में NTTF के 14 छात्रों का चयन हुआ है — वो भी पूरे 3 लाख रुपए सालाना के पैकेज पर!
लेकिन ये सफलता सिर्फ एक दिन की मेहनत से नहीं मिली। इसके पीछे छुपी है सालों की तैयारी, तकनीकी ज्ञान की गहराई और खुद को साबित करने की लगन।
कैसे हुआ चयन? तीन राउंड्स की कठिन परीक्षा
श्नाइडर इलेक्ट्रिक का यह कैंपस सिलेक्शन एक आम प्रक्रिया नहीं थी। इसमें छात्रों को तीन अलग-अलग चरणों से गुजरना पड़ा —
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लिखित परीक्षा,
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टेक्निकल इवैल्यूएशन,
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और अंत में, फाइनल इंटरव्यू।
इन सभी राउंड्स में छात्रों को न सिर्फ अपने तकनीकी ज्ञान, बल्कि प्रेजेंटेशन स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग और कॉन्फिडेंस भी साबित करना पड़ा।
छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि संस्थान का भी नाम रोशन किया।
कौन-कौन छात्र हुए चयनित? जानिए इन चमकते सितारों को
NTTF के टूल एंड डाई इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के जिन 14 छात्रों का चयन हुआ है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
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ऋषभ करमाकर
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सौगत संतरा
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एम.डी. अनमुल
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हर्ष प्रसाद
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आयुष कुमार सिंह
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अरिंदम चंद्रा
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शैलेश कुमार
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सत्यवान गोप
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सुजीत कुमार साह
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आयुष कालिया
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आदित्य कुमार वर्मा
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अनिरुद्ध प्रमाणिक
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सुजीत कुमार महतो
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उमेश कुंभार
इन सभी को गुजरात स्थित श्नाइडर इलेक्ट्रिक के प्लांट में नियुक्ति दी गई है।
संस्थान का गौरव, छात्रों की मेहनत
संस्थान की प्लेसमेंट कोऑर्डिनेटर नेहा और मिथिला ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई। वहीं, संस्थान की प्राचार्या प्रीता जॉन ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सफलता अन्य छात्रों को भी प्रेरित करेगी।
उप प्राचार्य रमेश राय, और अन्य शिक्षकों — दीपक सरकार, अजीत कुमार, लक्ष्मण सोरेन, नकुल कुमार — ने भी छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इतिहास और एनटीटीएफ की विरासत
एनटीटीएफ की स्थापना 1959 में हुई थी, और तब से यह संस्थान देश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ रहा है। टूल एंड डाई मेकिंग जैसी विशिष्ट इंजीनियरिंग शाखाओं में यह संस्थान विद्यार्थियों को व्यावसायिक और तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाता है।
आज जब भारतीय युवा वैश्विक कंपनियों में अपनी जगह बना रहे हैं, तब NTTF जैसे संस्थान इन सपनों को जमीन पर उतारने का मंच प्रदान कर रहे हैं।
आगे क्या? प्रेरणा और उम्मीद का नया अध्याय
श्नाइडर इलेक्ट्रिक जैसी वैश्विक कंपनी में चयन पाना न सिर्फ इन छात्रों की निजी उपलब्धि है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत के टियर-2 शहरों और तकनीकी संस्थानों में भी जबरदस्त टैलेंट छिपा है।
इस खबर से यह भी साफ है कि यदि छात्र प्रतिबद्ध हों, सही गाइडेंस मिले और संस्थान का सहयोग रहे — तो "बड़ी कंपनी में बड़ी नौकरी" सिर्फ सपना नहीं, हकीकत बन जाती है।
अगर आप भी तकनीकी शिक्षा में रुचि रखते हैं, तो NTTF जैसे संस्थानों को जरूर एक्सप्लोर करें। क्योंकि अगली बड़ी सफलता की कहानी शायद आप लिखें!
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