Patratu Firing: कोयला एंट्री चेकपोस्ट पर बदमाशों ने चलाई गोलियां, रंगदारी की मांग!
रामगढ़ जिले के पतरातू में देर रात फायरिंग से सनसनी फैल गई। बदमाशों ने दामोदर मिनरल्स के डायरेक्टर से रंगदारी मांगी और रेलवे गेट के पास गोलियां चला दीं। राहुल गैंग के नाम का पर्चा भी मिला। जानिए, क्या है इस घटना के पीछे की पूरी कहानी।

झारखंड के रामगढ़ जिले का पतरातू एक बार फिर गोलियों की आवाज़ से कांप उठा। देर रात कोयला चेक पोस्ट के पास हुई फायरिंग ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। इस बार मामला सिर्फ फायरिंग तक सीमित नहीं रहा – बदमाशों ने बाकायदा रंगदारी की मांग की और पीछे छोड़ गए एक गैंग का पर्चा, जो आने वाले खतरे की कहानी खुद बयां करता है।
घटना कहां और कैसे हुई?
यह सनसनीखेज वारदात पतरातू थाना क्षेत्र के रेलवे गेट के पास स्थित कोयला एंट्री चेक पोस्ट पर हुई। यह वही इलाका है जहां से प्रतिदिन हजारों टन कोयले की ढुलाई होती है और जहां सुरक्षा हमेशा से एक चुनौती रही है। बीती रात करीब 2 बजे, कुछ अज्ञात अपराधियों ने वहां फायरिंग कर दी। मौके पर 5 जिंदा कारतूस मिले हैं, जो इस बात का सबूत हैं कि हमलावर न सिर्फ संगठित थे, बल्कि किसी खास संदेश के साथ आए थे।
रंगदारी की मांग और निशाना कौन?
इस वारदात का मकसद सीधा और साफ था – दहशत फैलाकर रंगदारी वसूलना। अपराधियों ने दामोदर मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर गजानन प्रसाद शेर को निशाना बनाया। यह कंपनी पतरातू गुड्स शेड के अंतर्गत कोयले की आपूर्ति से जुड़ी हुई है और लंबे समय से सक्रिय है। बताया जा रहा है कि कंपनी के पास पहले से ही कुछ अज्ञात कॉल्स और धमकियां आ रही थीं, लेकिन इस बार अपराधियों ने सीधी कार्रवाई कर दी।
'राहुल गैंग' का नाम आया सामने
फायरिंग के बाद घटनास्थल से एक पर्चा बरामद हुआ, जिस पर लिखा था – "ये सिर्फ ट्रेलर है, रंगदारी नहीं देने पर अगली बार अंजाम और बड़ा होगा – राहुल गैंग"। इस एक पंक्ति ने पतरातू पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ा दी है। राहुल गैंग का नाम झारखंड में पहले भी कई आपराधिक मामलों में आ चुका है। यह गैंग अक्सर कारोबारी वर्ग को टारगेट करता है और कोयला कारोबार में इसका सीधा हस्तक्षेप बताया जाता है।
क्या पतरातू पहले भी रहा है टारगेट पर?
बिलकुल। पतरातू इलाका न सिर्फ औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके आस-पास का क्षेत्र कई बार गैंगवार और वसूली की घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है। 2018 और 2021 में भी यहां कोयला ठेकेदारों को निशाना बनाया गया था। पुलिस ने तब भी कुछ गिरफ्तारी की थी, लेकिन जड़ तक पहुंचने में नाकाम रही।
कोयला ढुलाई पर असर और लोगों में डर
घटना के बाद कोयले की ढुलाई पर भी असर पड़ा है। मजदूरों और ट्रक चालकों में डर है, और कई ने काम पर जाने से इंकार कर दिया है। व्यवसायिक संगठनों ने प्रशासन से कड़ी सुरक्षा की मांग की है और कहा है कि यदि दोषियों को जल्द नहीं पकड़ा गया, तो काम ठप कर दिया जाएगा।
पुलिस क्या कर रही है?
पतरातू पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, और गश्त भी बढ़ा दी गई है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों में चिंता और बढ़ गई है।
प्रशासन की चुनौती और जनता की उम्मीद
यह घटना सिर्फ एक कारोबारी या एक इलाके की नहीं है – यह झारखंड की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। यदि कोयला क्षेत्र जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई, तो अपराधियों का मनोबल और बढ़ेगा। प्रशासन को अब ठोस कदम उठाने होंगे।
पतरातू की यह फायरिंग एक चेतावनी है – व्यापारियों के लिए, पुलिस के लिए और उस व्यवस्था के लिए जो अपराध को सिर्फ एक आंकड़ा मानती है। सवाल यह है कि क्या राहुल गैंग की यह दहशत कायम रहेगी, या इस बार प्रशासन कोई ठोस जवाब देगा?
इस मामले की हर नई अपडेट पर नजर बनी हुई है। जुड़िए हमारे साथ और जानिए आगे क्या होता है – क्योंकि ये सिर्फ एक वारदात नहीं, एक चुनौती है पूरे सिस्टम के लिए।
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