Nawada: Success Story में CLAT 2025 के सितारे बने विशाल रंजन, जानें संघर्ष से सफलता तक का सफर
नवादा के विशाल रंजन ने CLAT 2025 में शानदार सफलता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी, संघर्ष और सफलता का सफर।
नवादा, बिहार: नवादा जिले के सैनिक स्कूल नालंदा के पूर्व छात्र विशाल रंजन ने CLAT 2025 परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर जिले और परिवार का नाम रोशन कर दिया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन गई है। विशाल की कहानी मेहनत, संघर्ष और असफलता से हार न मानने की मिसाल पेश करती है।
बरहोरी गांव से शुरू हुआ सफर
अकबरपुर प्रखंड के पचगावां पंचायत के बरहोरी गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र से विशाल के शिक्षा का सफर शुरू हुआ। उनके पिता उपेंद्र कुमार ने उनकी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सेंट जोसेफ स्कूल नवादा में एडमिशन कराया। शुरुआती शिक्षा के बाद, उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी करते हुए आदर्श विद्या भारती बरबीघा से पढ़ाई की।
विशाल ने 2017 में आर.के. मिशन देवघर और सैनिक स्कूल नालंदा जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला पाया। सैनिक स्कूल नालंदा में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने 2022 में मैट्रिक और 2024 में इंटर की परीक्षा में टॉप 20 में स्थान हासिल किया।
NDA से CLAT तक का सफर
विशाल का सफर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। 2023 में, उन्होंने यूपीएससी द्वारा आयोजित NDA परीक्षा पास की, लेकिन SSB में चयन के लिए अंक थोड़े कम रह गए। विशाल ने हार मानने के बजाय 2024 में दोबारा NDA की परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की। उनका SSB जनवरी 2025 में आयोजित होने वाला है।
इस बीच, विशाल ने तीन महीने की कठिन मेहनत के बाद CLAT 2025 परीक्षा भी क्रैक कर ली। यह उपलब्धि साबित करती है कि उन्होंने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे जिले को गर्व महसूस कराया है। अब उनकी निगाहें IAS बनने पर हैं, और वह देश सेवा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
परिवार का अटूट समर्थन
विशाल की सफलता में उनके परिवार का बड़ा योगदान है। उनके दादा बालेश्वर मिस्री, माता कुमारी श्वेता सुमन, और भाई मनीष रंजन ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके चाचा निशांत, जो हेड मास्टर हैं, और प्रोफेसर शुभेंदु अमित ने भी उन्हें मार्गदर्शन दिया।
विशाल के बड़े भाई मनीष और बहन प्रतिभा ने 2022 में CLAT परीक्षा पास की थी और वर्तमान में देश के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता उपेंद्र कुमार, जो सिविल कोर्ट नवादा में अधिवक्ता हैं, खुद शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणास्त्रोत हैं।
जिला और समाज में खुशी का माहौल
विशाल की इस उपलब्धि पर जिले और समाज में खुशी की लहर है। बढ़ई विश्वकर्मा महासभा नवादा के जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुमार ने इसे परिवार और समाज के लिए गर्व का क्षण बताया। स्थानीय लोग और शुभचिंतक उम्मीद कर रहे हैं कि विशाल अपनी मेहनत और लगन से आगे भी सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएंगे।
नवादा से राष्ट्रीय स्तर तक प्रेरणा का स्रोत
विशाल की सफलता की कहानी इस बात का सबूत है कि कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास के साथ हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। नवादा जैसे छोटे जिले से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना आसान नहीं है, लेकिन विशाल ने यह साबित कर दिखाया।
उनकी यह यात्रा न केवल युवाओं को प्रेरित करेगी, बल्कि यह भी बताएगी कि असफलता केवल एक पड़ाव है, मंजिल नहीं।
What's Your Reaction?