Ranchi Initiative: बांस उत्पाद और कृषि योजनाओं में बड़ा बदलाव, मंत्री नेहा तिर्की का नया प्लान
रांची में सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बांस उत्पाद और वन उपज के लिए नई योजनाओं की घोषणा की। जानें झारखंड के सहकारिता क्षेत्र में क्या हैं बड़े बदलाव।
रांची: झारखंड में बांस उत्पादों से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने घोषणा की है कि राज्य में बांस उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। सहकारिता विभाग बांस उत्पादों की बाजार में बढ़ती मांग का आकलन कर इसे बढ़ावा देने की तैयारी में है।
मैराथन बैठक और नई योजनाएं
सोमवार को हेसाग स्थित पशुपालन भवन में सहकारिता विभाग के साथ मैराथन बैठक में मंत्री तिर्की ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बैठक में एपेक्स सोसाइटी पर गहन चर्चा हुई और सहकारिता क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने के निर्देश दिए गए।
मंत्री ने कहा कि मार्च तक विभाग को एक्शन मोड में और अप्रैल से मिशन मोड में काम करना होगा। बांस उत्पादों को बाजार में सही जगह दिलाने के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की जा रही है।
किसानों और वन उपज के लिए बड़ा कदम
मंत्री तिर्की ने कहा कि किसानों की उपज का उचित दाम और बाजार सुनिश्चित करने के लिए रिटेल आउटलेट बेहद जरूरी हैं। वर्तमान में 10 आउटलेट के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।
- वन उपज, खासकर लाह, के लिए बेहतर प्लानिंग की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- वन जिला-एक उत्पाद प्रोग्राम के तहत हर जिले में उत्पाद को प्रमोट करने के लिए सर्वे की योजना बनाई गई।
धान उत्पादन के लिए नई योजनाएं
बैठक में गिरिडीह और सिमडेगा में राइस मिल स्थापित करने की योजना पर चर्चा हुई। गिरिडीह में राइस मिल की स्थापना का काम तेज कर दिया गया है। यह मिल प्रति घंटे 4 टन धान प्रसंस्करण की क्षमता रखेगी।
लैंप-पैक्स का कंप्यूटराइजेशन
मंत्री ने लैंप-पैक्स को समय के अनुसार अपडेट करने के निर्देश दिए। 3 से 4 लैंप-पैक्स को मिलाकर नोडल केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। कंप्यूटराइजेशन से इन संस्थानों को आधुनिक और कुशल बनाया जाएगा।
इतिहास में बांस उत्पाद का महत्व
झारखंड जैसे राज्य में बांस उत्पाद न केवल पारंपरिक धरोहर हैं, बल्कि आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी हैं। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में बांस का उपयोग सदियों से शिल्प और जीवन-यापन के लिए किया जाता रहा है। अब इसे आधुनिक बाजार में नई पहचान दिलाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
खाली पदों को भरने का निर्देश
शिल्पी नेहा तिर्की ने सहकारिता विभाग में खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया तेज करने के आदेश दिए। उनका कहना है कि यह कदम विभाग के कामकाज को प्रभावी बनाएगा।
वन उत्पादों के लिए नए बाजार का निर्माण
मंत्री ने वन उत्पादों, विशेष रूप से लाह और बांस, को बाजार तक पहुंचाने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की है। उनका मानना है कि इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट कर झारखंड के शिल्पकारों को आर्थिक मजबूती दी जा सकती है।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार ने अप्रैल 2025 तक सहकारिता क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने का लक्ष्य रखा है। हरित सब्जियों के लिए रिटेल आउटलेट और वन उत्पादों के लिए बेहतर बाजार जैसे प्रयास झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेंगे।
शिल्पी नेहा तिर्की की यह पहल न केवल झारखंड के बांस उत्पादकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, बल्कि सहकारिता क्षेत्र को भी आधुनिक बनाने का वादा करती है। इन योजनाओं का प्रभाव सीधे तौर पर किसानों और शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।
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