Galudih Violence: टोल प्लाजा पर कार रोकी और हॉकी स्टिक से बेरहमी से पीटा!
गालूडीह टोल प्लाजा पर ओवरटेक के विवाद में युवक पर हॉकी स्टिक से हमला, सिर में गंभीर चोट। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा, जांच जारी।

गालूडीह थाना क्षेत्र के पुतड़ु टोल प्लाजा के पास गुरुवार शाम एक सनसनीखेज वारदात हुई, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। एक कार सवार युवक पर अचानक कुछ युवकों ने हॉकी स्टिक से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
पीड़ित की पहचान महुलिया पंचायत के धदकीडीह निवासी बुद्धेश्वर मुर्मू (26) के रूप में हुई है, जो अपने दो दोस्तों के साथ जमशेदपुर से घर लौट रहा था। लेकिन जैसे ही उनकी कार टोल प्लाजा के पास रुकी, पीछे आ रहे युवकों ने हॉकी स्टिक से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट में युवक को सिर में गंभीर चोटें आई हैं, जबकि उसकी कार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी गई।
क्यों हुई यह मारपीट?
पुलिस जांच में सामने आया है कि घटना का कारण ओवरटेक करने को लेकर हुआ विवाद था।
डिमना जमशेदपुर के कुछ युवक अपनी कार से उलदा वैष्णो देवी धाम मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे।
इसी दौरान बेलाजुड़ी के पास धदकीडीह निवासी तीन युवकों ने उनकी कार को ओवरटेक किया।
टोल प्लाजा के पास गाड़ी रुकते ही, दोनों पक्षों में बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट शुरू हो गई।
घायल युवक की हालत गंभीर, जमशेदपुर रेफर
घटना की सूचना मिलते ही गालूडीह पुलिस मौके पर पहुंची और हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया।
घायल युवक को अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया।
लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर रेफर कर दिया गया।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की जांच जारी है।
सड़क पर बढ़ती हिंसा – कब रुकेगा यह सिलसिला?
क्या रोडरेज अब हिंसक झगड़ों में बदल रहा है?
ओवरटेक को लेकर इतनी हिंसा क्यों?
क्या सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने की जरूरत है?
इतिहास में ऐसे मामलों की मिसालें
सड़क पर मामूली विवाद से शुरू हुई मारपीट के कई मामले इतिहास में दर्ज हैं।
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में रोडरेज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
कई बार छोटी-छोटी बहसें जानलेवा हिंसा में बदल जाती हैं।
2016 में दिल्ली में एक युवक को रोडरेज के चलते पीट-पीटकर मार डाला गया था।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है – क्या अब सड़क पर गाड़ी चलाना भी खतरे से खाली नहीं?
निष्कर्ष – सख्त कार्रवाई जरूरी!
गालूडीह की इस घटना से साफ है कि छोटी-छोटी बातों पर लोग हिंसा पर उतर आते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करे और सड़कों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाए।
हम उम्मीद करते हैं कि घायल युवक जल्द स्वस्थ हो और दोषियों को सख्त सजा मिले!
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