Jamshedpur Women’s University की पहल से पांच Sabars को मुफ्त एडमिशन, छात्रावास की व्यवस्था भी
जानें कैसे जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी सबर छात्राओं को मुफ्त एडमिशन और छात्रावास सुविधा के साथ सशक्त बना रही है।
जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी ने सबर समुदाय की पांच छात्राओं को निःशुल्क एडमिशन देकर उच्च शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सिंहभूम के जनजातीय बहुल क्षेत्र में सबर समुदाय की छात्राओं को मुख्य धारा से जोड़ने के इस प्रयास की सराहना की जा रही है।
सबर समुदाय की चुनौतियां और पहल: सबर समुदाय के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता ने इस पहल को शुरू किया। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
मुफ्त एडमिशन और छात्रावास की सुविधा: इस साल पांच सबर छात्राओं ने स्नातक प्रथम वर्ष के इतिहास ऑनर्स में निःशुल्क एडमिशन लिया है। विश्वविद्यालय ने न केवल उनके एडमिशन और परीक्षा शुल्क को माफ किया है, बल्कि उनके रहने के लिए छात्रावास की भी व्यवस्था की है। इस पहल से और भी सबर छात्राएं उच्च शिक्षा की ओर आकर्षित होंगी।
कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता का विजन: डॉ. अंजिला गुप्ता ने कहा, "हमारा उद्देश्य समाज के हर तबके को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है। सबर छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर हम उन्हें आत्मनिर्भर बनने के अवसर दे रहे हैं।"
छात्राओं की प्रोफाइल: इन पांच छात्राओं का नाम और उनकी प्रोफाइल भी बहुत प्रेरणादायक है। वे अपने परिवार और समुदाय के लिए एक मिसाल बन रही हैं। विश्वविद्यालय ने उनकी शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं।
समाज पर असर: इस पहल से सबर समुदाय में शिक्षा का महत्व बढ़ेगा और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। अन्य जनजातीय समुदायों के लिए भी यह एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।
आगे की योजनाएं: विश्वविद्यालय की योजना है कि आने वाले सालों में और भी सबर छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाए। इसके लिए कई गैर-सरकारी संगठनों और सरकारी योजनाओं से भी मदद ली जा रही है।
जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी का यह कदम न केवल सबर समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है। शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने की यह पहल निश्चित रूप से सराहनीय है।
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