Karnataka Establishment Day: कर्नाटक स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर झारखंड के वीरों का बेंगलुरु में हुआ सम्मान
कर्नाटक स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर बेंगलुरु में आयोजित समारोह में झारखंड के पूर्व सैनिक सुशील कुमार सिंह और सार्जेंट अनिरुद्ध सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।
कर्नाटक दिवस समारोह में झारखंड के सैनिकों का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
बेंगलुरु: कर्नाटक के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर भारत भारती संस्था द्वारा बसंतनगर स्थित कोवड़ा समाज सभागार में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों और समाजसेवियों को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। झारखंड के वीर पूर्व सैनिक सुशील कुमार सिंह और सार्जेंट अनिरुद्ध सिंह को भी इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की झलकियां: सम्मान और संस्कृति का संगम
इस विशेष आयोजन में देश के कई राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य और संगीत प्रस्तुत किए। झारखंड की संस्कृति को भी इस कार्यक्रम में खास जगह मिली।
- झारखंडी डांस की प्रस्तुति: सार्जेंट अनिरुद्ध सिंह ने झारखंड से 200 किलोमीटर दूर कार्यरत 6 लड़कियों को मंच प्रदान कर झारखंडी डांस की शानदार प्रस्तुति दिलाई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
- सम्मान समारोह: गणमान्य अतिथियों ने वीर सैनिकों और समाजसेवियों को शॉल, कर्नाटक हार और संस्था पुस्तिका देकर सम्मानित किया।
सुशील कुमार सिंह: सेवा और समर्पण की मिसाल
पूर्व नौसैनिक सुशील कुमार सिंह पिछले 16 वर्षों से जमशेदपुर में सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निस्वार्थ सेवा दे रहे हैं।
- उन्होंने अपने सम्मान को सभी पूर्व सैनिकों को समर्पित किया।
- सुशील कुमार सिंह ने कहा:
"जब तक शरीर में जान है, सेवा जारी रहेगी।"
सार्जेंट अनिरुद्ध सिंह: झारखंड की संस्कृति को मंच पर लाने वाले योद्धा
रांची के सार्जेंट अनिरुद्ध सिंह ने न केवल सैनिकों के बीच बल्कि समाज में भी अपनी पहचान बनाई है। इस कार्यक्रम में उन्होंने झारखंड की संस्कृति को मंच पर लाने का प्रयास किया।
- उनके प्रयास से झारखंडी लड़कियों को प्रोत्साहन पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
- यह पहल झारखंड की संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रतीक बनी।
कर्नाटक स्थापना दिवस: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कर्नाटक स्थापना दिवस जिसे राज्योत्सव के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है।
- 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कर्नाटक को एक राज्य का दर्जा मिला।
- इस दिन का उद्देश्य कर्नाटक की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना और राज्य की उपलब्धियों का जश्न मनाना है।
सैनिकों का सम्मान: राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
इस कार्यक्रम के समन्वयक मेजर संजय मेहरोत्रा और मेजर गणपति हेगड़े ने इसे सफल बनाया।
- कार्यक्रम के दौरान पूर्व सैनिकों को सम्मानित करना यह दर्शाता है कि हमारे सैनिक न केवल सीमाओं पर बल्कि समाज के भीतर भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
- नेवी डे के पूर्व इस तरह का सम्मान समारोह सैनिकों में नई ऊर्जा और गर्व का संचार करता है।
सुशील कुमार सिंह की प्रतिबद्धता:
सम्मान प्राप्त करने के बाद, सुशील कुमार सिंह ने कहा:
"यह सम्मान मेरे उन साथियों को समर्पित है, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। यह पल मुझे और अधिक सेवा के लिए प्रेरित करता है।"
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