World AIDS Day टाटा मेन हॉस्पिटल का वॉक ए थॉन: एड्स जागरूकता की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल
टाटा मेन हॉस्पिटल ने विश्व एड्स दिवस पर वॉक ए थॉन का आयोजन किया। एड्स जागरूकता और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी की महत्वता पर जोर। जानें, कैसे यह पहल समाज को जागरूक बना रही है।
World AIDS Day : टाटा मेन हॉस्पिटल ने वॉक ए थॉन से बढ़ाई एड्स जागरूकता
जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) ने 1 दिसंबर 2024 को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान के तहत एक प्रेरणादायक वॉक ए थॉन का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करना था।
वॉक ए थॉन को झंडी दिखाकर रवाना करने के लिए टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, चाणक्य चौधरी और टीएमएच की जनरल मैनेजर, मेडिकल सर्विसेज, डॉ. विनीता सिंह उपस्थित थीं।
वॉक ए थॉन: एक जागरूकता यात्रा
वॉक ए थॉन सुबह 6:30 बजे टाटा मेन हॉस्पिटल से शुरू होकर रेड क्रॉस सर्कल और कोविड वॉरियर पार्क तक गई।
- लगभग 300 प्रतिभागी, जिनमें मेडिकल पेशेवर, नर्सिंग स्टाफ और छात्र शामिल थे, ने इस आयोजन में भाग लिया।
- कोविड वॉरियर पार्क पर नर्सिंग छात्रों ने एड्स जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।
- वॉक ए थॉन का समापन टीएमएच पर हुआ, जहां प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की।
एचआईवी और एड्स: एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट
एड्स (AIDS), जिसे एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है, पहली बार 1981 में पहचाना गया था। यह बीमारी एचआईवी (HIV) वायरस के कारण होती है, जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है।
- वैश्विक आंकड़े: 2021 तक, दुनिया भर में लगभग 38 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे।
- भारत की स्थिति: भारत एचआईवी मामलों में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। 2021 में यहां 2.3 मिलियन लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए थे।
एड्स उपचार में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) का महत्व
एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) एचआईवी/एड्स के उपचार में क्रांतिकारी कदम है।
- यह थेरेपी एचआईवी वायरस को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकती, लेकिन यह वायरस के प्रजनन को रोककर रोगियों को स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने में मदद करती है।
- टीएमएच के एचआईवी नोडल सेंटर में इस थेरेपी के माध्यम से हर महीने हजारों मरीजों को सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
एचआईवी जागरूकता के लिए टीएमएच की प्रतिबद्धता
टाटा मेन हॉस्पिटल का एचआईवी नोडल सेंटर न केवल इलाज, बल्कि जागरूकता फैलाने में भी अग्रणी है।
- प्रोटोकॉल-आधारित जांच: केंद्र पर हर मरीज की एचआईवी जांच आधुनिक चिकित्सा प्रोटोकॉल के अनुसार की जाती है।
- फ्री एआरटी: जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त एआरटी दवाएं प्रदान की जाती हैं।
- काउंसलिंग सेवाएं: मरीजों को मानसिक और भावनात्मक सहायता के लिए विशेष परामर्श सेवाएं दी जाती हैं।
वॉक ए थॉन का संदेश: एड्स से लड़ाई में सामूहिक प्रयास
चाणक्य चौधरी ने कहा:
"एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। यह वॉक ए थॉन समाज को यह संदेश देता है कि हम सब साथ मिलकर इस चुनौती का सामना कर सकते हैं।"
डॉ. विनीता सिंह ने कहा:
"एचआईवी/एड्स के मरीजों को सशक्त बनाना और उन्हें भेदभाव मुक्त समाज देना हमारी प्राथमिकता है।"
विश्व एड्स दिवस: एक ऐतिहासिक पहल
विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है।
- इसे पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना, संक्रमित लोगों का समर्थन करना और इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता दिखाना है।
- 2024 का थीम: "समानता का अधिकार: एचआईवी के प्रति भेदभाव समाप्त करना।"
टीएमएच: चिकित्सा, समाज और पर्यावरण के प्रति समर्पित
टाटा मेन हॉस्पिटल न केवल एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी अग्रणी भूमिका निभाता है।
- सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं: टीएमएच का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को वंचित वर्ग तक पहुंचाना है।
- पर्यावरण संरक्षण: हॉस्पिटल ने हरित पहल शुरू की है, जिसमें सौर ऊर्जा और जल संरक्षण जैसे प्रयास शामिल हैं।
भविष्य की योजनाएं
टीएमएच ने घोषणा की है कि आने वाले वर्षों में एचआईवी/एड्स जागरूकता और उपचार के क्षेत्र में और पहल की जाएंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन।
- एड्स पीड़ितों के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम।
- छात्रों और युवाओं के लिए जागरूकता कार्यशालाएं।
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