Sidhgoda Mystery Murder: नदी के बीचोंबीच सूरज लाल की मौत का राज़, परिजनों ने बताई साज़िश की कहानी
सिदगोड़ा में नदी किनारे एक युवक सूरज लाल की रहस्यमयी मौत ने सबको चौंका दिया है। परिजनों ने इसे सुनियोजित हत्या बताया है। पुलिस पूछताछ में जुटी है, जबकि पूरा मामला एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।

जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में एक युवक की रहस्यमयी मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है। बागुनहातु रोड नंबर-5 निवासी सूरज लाल की लाश मिलने के बाद जो कहानी सामने आई है, वह एक आम हादसे से कहीं ज्यादा खतरनाक और चौंकाने वाली लगती है।
परिजनों का दावा है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या है। इस मामले में पुलिस दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, लेकिन सूरज की मौत का जो चित्र परिजन खींच रहे हैं, वह खौफनाक है।
क्या था पूरा मामला?
9 अप्रैल की शाम करीब पांच बजे, सूरज को उसके ही मोहल्ले के दो युवक—अजय पूर्ति और मंगरा टोप्पो घर से बुलाकर ले गए। सूरज के भाई मुन्ना लाल के मुताबिक, दोनों उसे नदी किनारे ले गए, जहां कुछ और लड़के पहले से मौजूद थे।
वहां सूरज को पहले शराब पिलाई गई, फिर उसे नाव में बिठाकर नदी के बीच ले जाया गया। इसके बाद, बालू निकालने वाले बेलचा से उस पर हमला किया गया। इस हमले में सूरज की एक आंख बाहर आ गई, दांत टूट गए और हाथ की हड्डियां भी चकनाचूर हो गईं।
इसके बाद, आरोपियों ने सूरज का शव नदी में फेंक दिया और मौके से फरार हो गए।
सूरज की पृष्ठभूमि और परिवार
सूरज लाल एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता था। वह ठेकेदारी में काम करता था और उसकी शादी भी हो चुकी थी। एक छोटा बच्चा भी है। भाई मुन्ना ने बताया कि सूरज किसी से रंजिश नहीं रखता था, लेकिन आरोपियों में से एक युवक आए दिन घर के पास अड्डेबाजी करता था और घटना के दिन सूरज का पीछा भी कर रहा था।
इस संदेह के आधार पर ही मृतक के पिता ने सिदगोड़ा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक कोई ठोस सुराग सामने नहीं आया है, लेकिन जिस बर्बरता से सूरज की हत्या हुई है, उससे यह साफ है कि मामला सिर्फ व्यक्तिगत रंजिश का नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक साजिश का हो सकता है।
अपराध के तरीके ने बढ़ाया शक
सूरज की आंख बाहर आ जाना, हाथ और दांत टूट जाना, बेलचा जैसे औजार से हमला और फिर शव को नदी में फेंकना—ये सभी घटनाएं यह बताती हैं कि यह काम किसी शातिर अपराधी का है। स्थानीय लोग भी यह मानने लगे हैं कि यह गैंग आधारित हमला हो सकता है, जो किसी पुराने विवाद या ठेकेदारी की दुश्मनी से जुड़ा हो।
इतिहास की एक झलक: नदी किनारे अपराध
यह पहला मामला नहीं है जब जमशेदपुर की नदियों को अपराध का गवाह बनाया गया हो। पिछले कुछ वर्षों में बारी नदी, खरकई और स्वर्णरेखा के आसपास से कई बार लाशें मिली हैं। कई बार इन घटनाओं को दुर्घटना का नाम दे दिया गया, लेकिन कई केसों में जांच के बाद हत्या की साजिश सामने आई।
क्या कहती है जनता?
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते इन संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दिया होता, तो सूरज की जान बचाई जा सकती थी। मोहल्ले में पहले भी झगड़ों की घटनाएं हुई थीं, लेकिन कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
आगे क्या?
फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। रिपोर्ट आने के बाद कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं।
परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और प्रशासन से जल्द आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
सूरज लाल की मौत कोई साधारण हादसा नहीं लगती। जिस तरह से उसे नदी के बीचोंबीच मार कर शव को ठिकाने लगाया गया, वह इस बात की ओर इशारा करता है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मर्डर मिस्ट्री को कितनी तेजी और पारदर्शिता से सुलझा पाती है।
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