Jharkhand Budget: महिलाओं के लिए खजाना खुला, 13 हजार करोड़ की 'मंईयां योजना' से क्या होगा फायदा?
झारखंड सरकार ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 'मंईयां सम्मान योजना' के तहत 13,363 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जानिए इस योजना से किन-किन महिलाओं को मिलेगा फायदा।

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इस बार के बजट में महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत 13,363 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक प्रावधान किया है। यह योजना राज्य की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी, क्योंकि इसमें गर्भवती महिलाओं, छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को सीधा लाभ देने की योजना बनाई गई है।
क्या है मंईयां सम्मान योजना?
'मंईयां सम्मान योजना' झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई एक विशेष योजना है, जिसके तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन से जुड़ी सुविधाएं दी जाएंगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक रूप से मजबूत करना है।
बजट में महिलाओं के लिए बड़े ऐलान
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड विधानसभा में सोमवार को बजट पेश किया। इस दौरान महिलाओं के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया गया, जिसमें 'मंईयां सम्मान योजना' सबसे महत्वपूर्ण रही। इसके अलावा भी महिलाओं के लिए कई अहम योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं। आइए जानते हैं इन योजनाओं की डिटेल:
1. मातृ किट योजना
- गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए 1500 रुपये की मातृ किट दी जाएगी।
- इस योजना के तहत 4 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा।
- इसके लिए बजट में 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
2. कामकाजी गर्भवती महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता
- गर्भावस्था के दौरान कामकाजी महिलाओं को आर्थिक मदद के रूप में 5000 रुपये दिए जाएंगे।
- इस योजना के लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
3. बेटियों की शिक्षा और विवाह सहायता
- सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत छात्राओं को उच्च शिक्षा में सहायता दी जाएगी।
- इस योजना के लिए 310 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
4. महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
- झारखंड में 2 लाख अतिरिक्त महिला किसानों को आजीविका के नए अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- सखी मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को बैंक से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।
- पलाश ब्रांड के तहत महिलाओं के बनाए उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
झारखंड सरकार के इस फैसले का क्या होगा असर?
झारखंड में महिलाओं की बड़ी आबादी आज भी आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर है। ऐसे में इस बजट के जरिए महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती देने की कोशिश की जा रही है। सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से झारखंड की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
इतिहास गवाह है कि जब भी सरकारों ने महिलाओं को आर्थिक सहायता दी है, तो उसका असर न केवल महिलाओं बल्कि पूरे परिवार और समाज पर पड़ा है। बिहार में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी योजनाओं ने महिलाओं को शिक्षा और रोजगार में आगे बढ़ने का मौका दिया। झारखंड में भी ‘मंईयां सम्मान योजना’ से ऐसी ही उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
क्या कहती हैं महिलाएं?
सरकार के इस फैसले से महिलाएं काफी खुश हैं। रांची की रहने वाली सविता देवी, जो एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, कहती हैं, "हमें हमेशा से आर्थिक मदद की जरूरत थी, लेकिन बैंक से लोन लेना मुश्किल था। सरकार की इस पहल से हमें काम शुरू करने में आसानी होगी।"
वहीं, गढ़वा की अनिता कुमारी, जो इस साल मां बनने वाली हैं, कहती हैं, "मातृ किट और आर्थिक मदद हमें बहुत राहत देगी। हमें अब अस्पताल जाने और जरूरी सामान खरीदने की टेंशन नहीं होगी।"
झारखंड की महिलाओं के लिए सुनहरा मौका!
हेमंत सोरेन सरकार का यह बजट झारखंड की महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मंईयां सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता, मातृ किट, गर्भवती महिलाओं के लिए आर्थिक मदद, कन्याओं की शिक्षा और महिला किसानों को सपोर्ट जैसी योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी।
अब देखना यह होगा कि ये योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी साबित होती हैं और क्या सरकार अपने वादों को पूरा कर पाती है या नहीं।
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