Jharkhand Encounter: खूनी गैंगवार से कांपा जंगल! नदी किनारे पड़े मिले दो शव
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में PLFI के दो गुटों में खूनी भिड़ंत! गोलीबारी में दो उग्रवादियों की मौत, पुलिस ने घटनास्थल से पिस्टल, गोलियां और मोबाइल बरामद किए। जानें पूरा मामला।

झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम जिला एक बार फिर गोलियों की गूंज से दहल उठा! बंदगांव और खूंटी जिले के मुरहू सीमा पर स्थित फूलझरी नदी के किनारे दो उग्रवादी गुटों के बीच खतरनाक मुठभेड़ हुई। इस खूनी भिड़ंत में दो उग्रवादियों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान परवेल सांडी पूर्ति और आशिक तांती के रूप में हुई है, जिनके नाम पहले से ही कई आपराधिक मामलों में दर्ज थे।
कैसे हुआ ये खूनी खेल?
सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (PLFI) के दो गुटों के बीच संगठन में वर्चस्व को लेकर टकराव बढ़ गया था। आपसी मतभेद इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों के बीच फायरिंग शुरू हो गई। जब पुलिस को इसकी भनक लगी, तो पश्चिमी सिंहभूम एसपी आशुतोष शेखर के नेतृत्व में टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने वहां गोलियों से छलनी दो शव बरामद किए, जो नदी किनारे पड़े थे।
सर्च ऑपरेशन में क्या मिला?
पुलिस ने घटनास्थल पर छानबीन की, जिसमें निम्नलिखित सामान बरामद हुए:
- एक देसी पिस्टल (मैगजीन सहित)
- पिस्टल की एक जिंदा गोली
- 12 बोर की दो गोलियां
- तीन मोबाइल फोन
- पीएलएफआई की लेवी रसीद
- काले रंग का पीठू बैग
- 402 रुपये नकद और अन्य सामग्री
इन उग्रवादियों का क्या था आपराधिक इतिहास?
परवेल सांडी पूर्ति - ग्राम: बारी माइलडीह, थाना: बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम)
इस पर तीन आपराधिक मामले दर्ज थे।
आशिक तांती उर्फ गुलटु (28) - ग्राम: मुरुमबुस, थाना: बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम)
इस पर दो आपराधिक मामले दर्ज थे।
क्या है PLFI का इतिहास?
झारखंड में उग्रवादी संगठनों की बात करें तो पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का नाम काफी कुख्यात है। यह संगठन मुख्य रूप से लेवी वसूलने और आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। 2007 में गठित इस संगठन का प्रभाव मुख्य रूप से झारखंड, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ में देखा जाता है। इनका मुख्य उद्देश्य अवैध वसूली, ठेकेदारों से लेवी लेना और पुलिस को निशाना बनाना होता है।
अब क्या करेगी पुलिस?
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही, पुलिस अब PLFI के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है ताकि इस गैंगवार की जड़ तक पहुंचा जा सके।
झारखंड में उग्रवादी संगठनों के बीच गैंगवार कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार यह खूनी मुठभेड़ पुलिस के लिए एक बड़ा संकेत है कि जंगलों में अब भी उग्रवाद जिंदा है। PLFI के दो गुटों के बीच इस टकराव ने झारखंड के अंदरूनी इलाकों में बढ़ते आपसी संघर्ष को उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस पर कैसे लगाम लगाती है और आगे की कार्रवाई क्या होती है।
What's Your Reaction?






