Tatanagar Seizure: चुनावी सीजन में बिहार भेजी जा रही शराब की खेप जब्त, रेलवे स्टेशन पर मचा हड़कंप
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी। बिहार विधानसभा चुनाव और त्योहारों के मद्देनजर शराब की तस्करी की जा रही थी। आरोपी मनोहर कुमार गिरफ्तार। जानें, बिहार में शराबबंदी का फायदा कैसे उठा रहे हैं तस्कर।

जमशेदपुर का टाटानगर रेलवे स्टेशन, जो झारखंड और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई का गवाह बना। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने यहां एक ऐसे युवक को दबोचा जो बिहार विधानसभा चुनाव और आगामी त्योहारों का फायदा उठाने के लिए अवैध शराब की एक बड़ी खेप बिहार ले जा रहा था। यह घटना न सिर्फ अवैध शराब के कारोबार की पोल खोलती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि बिहार में लागू शराबबंदी ने कैसे पड़ोसी राज्यों में तस्करी के धंधे को बढ़ावा दिया है।
टाटानगर स्टेशन का इतिहास हमेशा से ही व्यापार और आवागमन का केंद्र रहा है। लेकिन, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद, यह स्टेशन शराब तस्करों के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट बन गया है। तस्कर यहां से झारखंड और अन्य राज्यों की शराब को ऊंची कीमतों पर बेचने के लिए बिहार ले जाते हैं। यह नवीनतम गिरफ्तारी इस बात की पुष्टि करती है कि त्योहारों और चुनाव के समय अवैध शराब की मांग चरम पर होती है।
सूटकेस में छिपी 20 लीटर 'विदेशी' शराब
आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध शराब की एक बड़ी खेप ट्रेन के माध्यम से बिहार भेजी जा रही है। सूचना मिलते ही आरपीएफ टीम सतर्क हो गई और स्टेशन पर गहन गश्ती शुरू कर दी। इसी दौरान, उन्होंने एक युवक को संदिग्ध अवस्था में एक सूटकेस के साथ देखा।
पुलिस ने तुरंत उस युवक को पकड़ा और सूटकेस की तलाशी ली। सूटकेस खुलते ही पुलिस हैरान रह गई! उसमें कपड़ों की जगह करीब 25 से अधिक शराब की बोतलें भरी थीं, जिनमें लगभग 20 लीटर विदेशी (फॉरेन लिकर) शराब थी। यह साफ था कि यह खेप तस्करी के लिए ले जाई जा रही थी।
तस्कर की पहचान और काला धंधा
पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ की गई, और क्रॉस-चेकिंग के बाद उसकी पहचान बिहार के लखीसराय के रहने वाले मनोहर कुमार के रूप में हुई। मनोहर कुमार ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
उसने बताया कि वह पहले भी टाटानगर से शराब लेकर बिहार जा चुका है। बिहार में शराबबंदी के कारण वहां शराब की कीमतें कई गुना ज्यादा होती हैं, जिसका फायदा वह उठाता था। मनोहर ने खुलासा किया कि चूंकि बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए शराब की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। इसके अलावा, पर्व-त्योहारों के कारण भी शराब की डिमांड काफी ज्यादा है, जिसका फायदा उठाकर वह मोटी कमाई करना चाहता था।
पुलिस कार्रवाई और सबक
आरपीएफ ने तुरंत बरामद सभी विदेशी शराब को जब्त कर लिया और आरोपी मनोहर कुमार को जेल भेज दिया। जब्त की गई शराब को आगे की कार्रवाई के लिए आबकारी विभाग को सौंप दिया गया है।
आरपीएफ का यह सराहनीय कार्य दर्शाता है कि वे न केवल रेलवे परिसर की सुरक्षा, बल्कि अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए भी पूरी तरह मुस्तैद हैं। त्योहारों के मद्देनजर आरपीएफ लगातार गश्ती कर रही है, जिससे इस तरह के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सके।
यह घटना बिहार सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। जब तक बिहार में शराब की मांग बनी रहेगी, तब तक तस्कर पड़ोसी राज्यों का इस्तेमाल करते रहेंगे। ऐसे में, केवल सख्ती ही नहीं, बल्कि अंतर्राज्यीय सीमाओं पर बेहतर समन्वय और जागरूकता की भी सख्त जरूरत है, ताकि चुनावों और त्योहारों के दौरान अवैध शराब के इस काले धंधे पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।
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