Bandra Scam: फरहान अख्तर के ड्राइवर ने 7 साल पुरानी गाड़ी के नाम पर लगाया ₹12 लाख का चूना!
बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर और उनकी मां हनी ईरानी के ड्राइवर नरेश सिंह ने पेट्रोल पंप कर्मचारी के साथ मिलकर कार्ड स्वाइप कर ₹12 लाख का घोटाला किया। 7 साल पहले बेची गई गाड़ी के नाम पर तेल भरवाने का बिल बना। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

बॉलीवुड एक्टर और फिल्ममेकर फरहान अख्तर के घर से एक ऐसी चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने विश्वास और धोखे की कहानी को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। फरहान अख्तर और उनकी मां हनी ईरानी के ड्राइवर नरेश सिंह पर गंभीर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। ड्राइवर ने बांद्रा स्थित एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी के साथ मिलीभगत करके ₹12 लाख रुपये का बड़ा चूना लगाया है। यह मामला सिर्फ पैसे की हेराफेरी का नहीं है, बल्कि उस विश्वासघात का है जो अक्सर कर्मचारियों पर आंख मूंदकर किए जाने वाले भरोसे से पैदा होता है।
यह घटना मुंबई के हाई-प्रोफाइल परिवारों में होने वाली आंतरिक धोखाधड़ी के मामलों को उजागर करती है। ड्राइवर नरेश सिंह, जो हनी ईरानी की गाड़ी चलाने के साथ-साथ एक पेट्रोल पंप पर भी काम करता था, उसने अपने पद का दुरुपयोग कर तकनीकी खामियों का फायदा उठाया।
फर्जीवाड़े का खुलासा: 35 लीटर टैंक में 621 लीटर डीजल!
इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब हनी ईरानी की मैनेजर दिया भाटिया ने फ्यूल अकाउंट की जांच की। मैनेजर ने अपनी जांच में एक ऐसी अविश्वसनीय गड़बड़ी पाई, जिसने उन्हें तुरंत धोखाधड़ी का संदेह पैदा किया:
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ओवर-फिलिंग: मैनेजर ने पाया कि मारुति गाड़ी जिसकी टैंक क्षमता केवल 35 लीटर है, उसके लिए 621 लीटर डीजल भरवाने का बिल बनाया गया था!
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संतुष्टिजनक जवाब नहीं: जब भाटिया ने इस बारे में ड्राइवर नरेश सिंह से सवाल किया, तो उसके जवाब संतुष्टिजनक नहीं थे।
जांच को आगे बढ़ाते हुए मैनेजर ने कार्ड हिस्ट्री चेक की और पता चला कि ड्राइवर नरेश सिंह तीन अलग-अलग कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था, और वे सभी कार्ड जावेद अख्तर के नाम पर रजिस्टर्ड थे।
7 साल पहले बेची गई कार के नाम पर भी तेल
धोखाधड़ी की परतें तब खुलीं जब मैनेजर दिया भाटिया ने एक और हैरान कर देने वाली गड़बड़ पाई। ड्राइवर नरेश सिंह ने उस गाड़ी के लिए भी तेल खरीदा था जिसे 7 साल पहले ही बेचा जा चुका था। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पूरी साजिश सुनियोजित तरीके से रची गई थी।
मैनेजर ने तुरंत हनी ईरानी के साथ मीटिंग रखी और इस धोखाधड़ी के बारे में बताया। पूछताछ के दौरान ड्राइवर सिंह ने अपना गुनाह कबूल किया।
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साजिश का पर्दाफाश: सिंह ने बताया कि उसने ये तीनों कार्ड 2022 में फरहान के पिछले ड्राइवर संतोष कुमार से लिए थे। इसके बाद वह हमेशा बांद्रा लेक के नजदीक एसवी रोड पेट्रोल पंप से तेल भरवाता था, जहां उसने अरुण सिंह नामक कर्मचारी और अन्य स्टाफ के साथ धांधली की।
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कमाई का तरीका: ड्राइवर सिंह ने बताया कि वह अक्सर पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप करता था, और पेट्रोल पंप कर्मचारी अरुण सिंह बिना पेट्रोल भरवाए ही कार्ड के पैसे उसे दे देते थे, जिसमें से वे हजार-पांच सौ रुपये कमीशन के तौर पर काट लेते थे।
इस तरह की दोस्त की मिलीभगत से फरहान अख्तर और हनी ईरानी को कुल 12 लाख रुपये का चूना लगाया गया।
हनी ईरानी ने 1 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, 418 और धारा 3 (5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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