India Health: बच्चों की कफ सिरप पर केंद्र सरकार का अलर्ट! 2 साल से छोटे बच्चों को न दें Dextromethorphan
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने कफ सिरप पर एडवाइजरी जारी की। DGHS ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने को कहा। जांच में सिरप में जहरीले रसायन (DEG/EG) नहीं मिले, लेकिन डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन के उपयोग पर सवाल।

मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी की दवा (कफ सिरप) के सेवन से बच्चों की संदिग्ध मौतों के बाद, केंद्र सरकार ने देशभर के माता-पिता और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। इस घटना ने एक बार फिर जेनेरिक दवाओं की सुरक्षा और बच्चों के इलाज में उनके अंधाधुंध उपयोग पर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डीजीएचएस (DGHS) ने साफ निर्देश दिया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दी जानी चाहिए। यह चेतावनी न केवल डॉक्टरों और फार्मासिस्टों के लिए है, बल्कि उन सभी माता-पिता के लिए भी है जो अक्सर बिना चिकित्सकीय सलाह के बच्चों को खांसी की दवा दे देते हैं।
सिरप में 'जहर' नहीं, पर मौत का कारण क्या?
बच्चों की मौतों के बाद, केंद्र और राज्य की शीर्ष एजेंसियों ने संयुक्त रूप से मामले की गहन जांच की। जांच में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की टीमें शामिल थीं।
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जहरीले रसायन नहीं मिले: जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि सिरप में जहरीले रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकोल (EG) मौजूद नहीं हैं। ये रसायन ही अक्सर कफ सिरप में मिलावट के रूप में पाए जाते हैं और गंभीर किडनी डैमेज का कारण बनते हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान से एकत्र किए गए कई नमूनों के परीक्षण में डीईजी या ईजी की मौजूदगी नहीं पाई गई।
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अन्य कारण: राजस्थान में दो बच्चों की मौतें खांसी की दवा से जुड़ी बताई गई थीं। जांच में पाया गया कि संबंधित दवा में प्रोपाईलीन ग्लाइकोल नहीं था, जो डीईजी या ईजी जैसी जहरीली मिलावट का संभावित स्रोत माना जाता है। वहीं, पुणे स्थित एनआईवी में बच्चों के ब्लड/सीएसएफ सैंपल की जांच में एक केस लेप्टोस्पाइरोसिस पॉजिटिव पाया गया, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि मौतों के कारण केवल सिरप तक सीमित नहीं हैं।
डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन पर सवाल और अंतिम जांच
जांच में यह भी सामने आया है कि राजस्थान में संबंधित दवा डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन आधारित है। डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन (Dextromethorphan) एक ऐसी दवा है जिसे अक्सर बच्चों में प्रयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है। बच्चों में इसका अंधाधुंध उपयोग खतरनाक साबित हो सकता है।
फिलहाल, जांच टीम (जिसमें आईसीएमआर, एम्स नागपुर, और राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं) सभी संभावित कारणों की गहन जांच कर रही है। पानी, मच्छर जनित वाहकों और श्वसन संबंधी सैंपलों की जांच अब भी जारी है, जिससे मौतों के सटीक कारण का पता चल सके।
यह जांच इस बात पर जोर देती है कि जनता को चिकित्सा सलाह के बिना बच्चों को कोई भी दवा देने से बचना चाहिए। विशेष रूप से कफ सिरप जैसे ओवर-द-काउंटर उत्पादों का उपयोग बच्चों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है।
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