Jamshedpur Boost: ₹100 करोड़ का राजस्व! केंदाडीह माइनिंग लीज साइन, 20 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी
झारखंड सरकार और हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के बीच केंदाडीह खनन पट्टा विलेख (20 वर्ष) निष्पादित हुआ। इस तांबा खदान के फिर से शुरू होने से सालाना ₹19 करोड़ का राजस्व और 500 प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। HCL के तीनों पट्टों से राज्य को सालाना ₹100 करोड़ राजस्व और 15-20 हजार रोजगार मिलेंगे।

झारखंड के तांबा खनन क्षेत्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ! पूर्वी सिंहभूम जिले में केंदाडीह खनन पट्टा विलेख का औपचारिक निष्पादन किया गया, जिससे यह तांबा खदान 20 वर्षों के लिए एक बार फिर से उत्पादन और संचालन के लिए तैयार हो गई है। यह कदम न केवल क्षेत्रीय आर्थिक विकास को एक विशाल गति देगा, बल्कि राज्य सरकार के राजस्व को भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस महत्वपूर्ण पट्टा विलेख पर झारखंड सरकार की ओर से उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने हस्ताक्षर किए, जबकि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की ओर से आईसीसी के कार्यकारी निदेशक-सह-इकाई प्रमुख ने हस्ताक्षर किए। यह परियोजना पूर्वी सिंहभूम जिले में समावेशी विकास और सतत प्रगति को गति देने की राज्य सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रमाण है।
तांबा उत्पादन का बड़ा केंद्र बनेगा झारखंड
केंदाडीह खनन पट्टा मिलने के साथ ही, HCL/ICC अब अपने तीनों खनन पट्टों (राखा, सुरदा और केंदाडीह) पर खनन संचालन पुनः आरंभ कर सकेगी। यह झारखंड को देश के प्रमुख खनिज संसाधन केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
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₹100 करोड़ का राजस्व योगदान: HCL के तीनों खनन पट्टों से खनन संचालन पुनः आरंभ होने के साथ, एचसीएल/आईसीसी राज्य सरकार को प्रतिवर्ष लगभग ₹100 करोड़ का राजस्व योगदान देगा। यह राशि राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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केंदाडीह का योगदान: अकेले केंदाडीह कॉपर माइन्स से प्रतिवर्ष लगभग ₹19 करोड़ का राजस्व सृजन होने का अनुमान है।
20 हजार रोजगार सृजन की संभावना
खनन पट्टों का निष्पादन केवल राजस्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर क्षेत्रीय रोजगार पर पड़ने वाला है। इस परियोजना से बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे स्थानीय युवाओं को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
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प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार: सभी खनन पट्टों के संचालन प्रारंभ होने से लगभग 15-20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
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केंदाडीह का फोकस: अकेले केंदाडीह कॉपर माइन्स में लगभग 500 कर्मियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा।
भविष्य की तैयारी: बेनीफिशिएशन प्लांट की योजना
एचसीएल ने इस क्षेत्र में लंबी अवधि के निवेश की भी योजना बनाई है, जो क्षेत्रीय आर्थिक विकास को एक नई दिशा देगी।
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क्षमता विस्तार: एचसीएल ने 1.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले एक बेनीफिशिएशन प्लांट की स्थापना की योजना बनाई है।
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भूमि अधिग्रहण: इस प्लांट के लिए भूमि झियाडा (JIADA) से पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है।
यह दूरदर्शी निवेश न केवल मूल्य संवर्धन करेगा और संसाधन उपयोगिता में वृद्धि करेगा, बल्कि क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित करेगा।
उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि यह पहल झारखंड सरकार की उत्तरदायी खनन को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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