Jamshedpur Scandal: ATM गार्ड्स का 'जबरदस्त' शोषण! ₹783 की जगह ₹504 मिल रहा वेतन, बिना टेंडर के रिन्यूअल का आरोप
जमशेदपुर में डब्ल्यूडब्ल्यूएसओ कंपनी के 34 एटीएम गार्ड्स ने कंपनी पर वेतन शोषण और देरी से भुगतान का आरोप लगाया है। सरकार द्वारा तय ₹783 प्रतिदिन की जगह उन्हें ₹504 मिल रहा है। SBI और कंपनी के बीच बिना टेंडर के एग्रीमेंट रिन्यूअल का भी आरोप। विधायक सरयू राय को ज्ञापन सौंपा।

जमशेदपुर में डब्ल्यूडब्ल्यूएसओ (WWSO) कंपनी के तहत काम करने वाले एटीएम गार्ड्स ने अपनी शोषण की दर्दनाक कहानी बयां करते हुए विधायक सरयू राय को एक गंभीर ज्ञापन सौंपा है। इन 34 गार्ड्स ने कंपनी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के आला अफसरों पर मिलकर श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाने और आर्थिक शोषण का सनसनीखेज आरोप लगाया है। यह मामला सिर्फ कम वेतन का नहीं है, बल्कि सरकारी नियमों की खुली अवहेलना और बिना टेंडर के अवैध रूप से ठेका रिन्यूअल करने का है, जिसने पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
भारत में, सुरक्षाकर्मी अक्सर न्यूनतम वेतन और कामकाजी अधिकारों से वंचित रहते हैं, और यह घटना ठेकेदारी प्रणाली के तहत होने वाले शोषण का एक काला अध्याय है। इन एटीएम गार्ड्स का आरोप है कि उनकी ईमानदार मेहनत का उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा है, जिससे उनके परिवार का गुजारा मुश्किल हो रहा है।
₹783 की जगह मिल रहे ₹504!
एटीएम गार्ड्स ने अपने ज्ञापन में सबसे पहले वेतन विसंगति का मुद्दा उठाया है। उनका आरोप है कि डब्ल्यूडब्ल्यूएसओ कंपनी जबरदस्त शोषण कर रही है, जिससे उनके हक का पैसा मारा जा रहा है:
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नियम विरुद्ध भुगतान: सरकार ने एटीएम गार्ड्स को ₹783 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करने का नियम बना रखा है।
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कंपनी की मनमानी: लेकिन कंपनी उन्हें मात्र ₹504 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से ही भुगतान कर रही है।
यह सीधा आरोप है कि कंपनी सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन कर रही है और प्रत्येक गार्ड को प्रतिदिन ₹279 रुपये कम दे रही है।
वेतन में देरी और अवैध एग्रीमेंट का आरोप
वेतन में कटौती के अलावा, गार्ड्स ने दो और गंभीर आरोप लगाए हैं, जो श्रम कानूनों और बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं:
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वेतन में भयंकर देरी: सरकारी नियमानुसार हर माह की सात तारीख को वेतन मिल जाना चाहिए, लेकिन इन गार्ड्स को महीना पूरा होने के 20-25 दिनों बाद वेतन मिलता है, जिससे उनके आर्थिक चक्र पर बुरा असर पड़ता है।
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बिना टेंडर रिन्यूअल: गार्ड्स ने आरोप लगाया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएसओ के बीच बिना टेंडर के ही एग्रीमेंट हो गया है, जो अवैध है। पुराना एग्रीमेंट जनवरी 2025 में खत्म हो चुका था, लेकिन एसबीआई ने बिना किसी नई निविदा (Tender) के 2025 से 2026 तक एग्रीमेंट रिन्यूअल कर दिया।
विधायक और जदयू नेता ने उठाया मुद्दा
विधायक सरयू राय के अनुपस्थित रहने पर वरीय जदयू नेता आशुतोष राय ने गार्ड्स का ज्ञापन स्वीकार किया।
आशुतोष राय ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि एसबीआई के आला अफसरों को तुरंत इस ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूएसओ को अपने अधीनस्थों को प्रताड़ित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे बैंक और कंपनी दोनों की बदनामी हो रही है।
इस ज्ञापन पर 34 प्रभावित गार्ड्स के हस्ताक्षर हैं, जो इस व्यापक शोषण की कहानी बताते हैं। पुलिस और प्रशासन को तत्काल इस मामले की जांच कर श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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