Tatanagar Politics: 'वोटों की चोरी' पर कांग्रेस का महाअभियान! मतदाता सूची से लाखों नाम 'गायब', जनता की आवाज चोरी का आरोप
पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने टाटानगर में "हमारे वोटों की चोरी रोकें" जन-जागरूकता अभियान चलाया। जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने मतदाता सूची में हेराफेरी, लाखों नाम गायब होने और डुप्लीकेट प्रविष्टियों का आरोप लगाया। चुनाव आयोग से त्वरित और पारदर्शी प्रणाली की मांग।

झारखंड की राजनीतिक गलियारों में आज जमशेदपुर के टाटानगर से एक बड़ी हलचल हुई है। पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने "हमारे वोटों की चोरी रोकें" नाम से एक विशाल जन-जागरूकता और हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसने लोकतंत्र की जड़ों और मतदाता अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस अभियान का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने सीधे तौर पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी और नागरिकों को मताधिकार से वंचित करने की प्रवृत्ति पर खतरनाक आरोप लगाए हैं।
यह अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है जब चुनाव निकट हैं और मतदाता सूची हर राजनीतिक दल के लिए संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है। लोकतंत्र में, हर एक वोट ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। कांग्रेस का यह आरोप कि 'लाखों नाम गायब हैं' और 'कुछ समुदायों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है', सीधे तौर पर चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है।
लोकतंत्र की जड़ पर 'चोट': लाखों नाम गायब
अभियान का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल वोट की चोरी नहीं है, बल्कि जनता की आवाज की चोरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र की जड़ प्रत्येक योग्य मतदाता के अधिकार से मजबूत होती है, लेकिन आज जानबूझकर इसमें कमजोरी लाई जा रही है:
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डुप्लीकेसी और हेराफेरी: दुबे ने आरोप लगाया कि विभिन्न विधानसभाओं में मतदाता सूची से लाखों नाम गायब हैं। इसके अलावा, कई प्रविष्टियां डुप्लीकेट या अधूरी हैं।
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समुदाय विशेष को निशाना: उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ समुदायों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है, ताकि उनके मताधिकार को प्रभावित किया जा सके।
टाटानगर मण्डल क्षेत्र में चलाए गए इस अभियान में स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और हस्ताक्षर कर कांग्रेस के प्रयास को अपार समर्थन दिया। जनता का कहना है कि यह प्रयास लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
चुनाव आयोग से 5 बड़ी और अहम मांगें
कांग्रेस ने इस अभियान के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग से पांच बड़ी और ठोस मांगें की हैं:
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वोटर लिस्ट का सार्वजनिक ऑडिट: वोटर लिस्ट को मशीन रीडेबल प्रारूप में फोटो सहित सार्वजनिक जाँच के लिए उपलब्ध कराया जाए।
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नाम जोड़ने/हटाने की पारदर्शिता: हर चुनाव से पहले जोड़े एवं हटाए गए नामों की सूची फोटो सहित सार्वजनिक की जाए।
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त्वरित शिकायत निवारण: गलत तरीके से नाम हटाए जाने पर त्वरित एवं पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली बनाई जाए।
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कट-ऑफ तिथि की घोषणा: नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया के लिए स्पष्ट कट-ऑफ तिथि पहले से घोषित की जाए।
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कानूनी कार्रवाई: मतदाता दमन में शामिल अधिकारियों एवं एजेंटों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस अभियान में जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे और मण्डल अध्यक्ष मुन्ना मिश्रा के साथ आशीष ठाकुर, ब्रजेन्द्र तिवारी, रंजीत सिंह और सन्नी सिंह सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और प्रशासन कांग्रेस के इन गंभीर आरोपों और मांगों पर क्या कदम उठाते हैं।
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