Dhamtari Honor: श्री प्यारे लाल साहू को मिला सम्मानित अवार्ड 2025
धमतरी में आयोजित प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन सम्मेलन में श्री प्यारे लाल साहू को स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति व समता साहित्य ज्ञान रत्न अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी।
धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी में आयोजित प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन सम्मेलन के दौरान, जमशेदपुर के श्री प्यारे लाल साहू को 'स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति व समता साहित्य ज्ञान रत्न अवार्ड 2025' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान साहित्य, शिक्षा, संस्कृति और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन
यह भव्य आयोजन 19 जनवरी, रविवार को शहीद गैंदसिंह नायक शहादत दिवस के अवसर पर हुआ। इस राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन समता साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा किया गया। सम्मेलन में राज्य और देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने शिरकत की।
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जी. आर. राणा (पूर्व अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति आयोग और रिटायर्ड अपर कलेक्टर, रायपुर) थे। साथ ही, पद्मश्री से सम्मानित हेमचंद मांझी, राष्ट्रपति से सम्मानित साहित्यकार डॉ. गोकुल बंजारे, और कई अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
श्री प्यारे लाल साहू का योगदान
श्री प्यारे लाल साहू को इस अवार्ड के लिए जी.आर. बंजारे की अनुशंसा पर चुना गया। उन्होंने शिक्षा, साहित्य, और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।
- उनकी साहित्यिक और वैचारिक रचनाएँ युवा पीढ़ी को प्रेरित करती हैं।
- समाज सेवा के क्षेत्र में उनका काम झारखंड में छत्तीसगढ़ी समाज की उन्नति और विकास के लिए उल्लेखनीय रहा है।
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक योगदान के साथ, उन्होंने सामाजिक बदलाव और जागरूकता में अपनी भूमिका निभाई है।
सम्मेलन में चर्चा के मुख्य विषय
सम्मेलन में साहित्य और समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
- वैचारिक और साहित्यिक क्रांति की ज़रूरत: वक्ताओं ने युवाओं को प्रेरित करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए साहित्य की भूमिका पर जोर दिया।
- शहीद गैंदसिंह नायक का योगदान: सम्मेलन में उनकी शहादत और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों को भी याद किया गया।
सम्मेलन की विशेष झलकियां
सम्मेलन में साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाले कई गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया।
- डॉ. भागेश्वर पात्र (नारायणपुर) को सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
- सुशीला वाल्मिकी और प्रेम साइमन जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने सम्मेलन को दिशा प्रदान की।
- बड़ी संख्या में साहित्यकार, शिक्षाविद, और समाजसेवी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
छत्तीसगढ़ का साहित्यिक इतिहास और भूमिका
छत्तीसगढ़, जिसे सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, साहित्य और समाज सेवा में अपनी गहरी जड़ों के लिए भी प्रसिद्ध है। समता साहित्य अकादमी जैसे संगठन राज्य के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
श्री प्यारे लाल साहू को सम्मान मिलने का महत्व
इस सम्मान ने न केवल श्री प्यारे लाल साहू के कार्यों को मान्यता दी है, बल्कि उन लोगों को भी प्रेरित किया है जो समाज और साहित्य के लिए काम कर रहे हैं। यह पुरस्कार युवा पीढ़ी को सामाजिक और साहित्यिक क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
यह सम्मेलन और सम्मान समारोह उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो समाज और साहित्य की सेवा में जुटे हैं। श्री प्यारे लाल साहू का यह सम्मान उनके सतत प्रयासों की कहानी को दर्शाता है और यह साबित करता है कि समर्पण और सेवा का फल अवश्य मिलता है।
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