Jharkhand Politics: वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, रघुवर दास ने झामुमो-कांग्रेस को घेरा

झारखंड में वक्फ संशोधन विधेयक पर गरमाई सियासत, रघुवर दास ने झामुमो-कांग्रेस पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया। जानिए पूरा मामला।

Apr 5, 2025 - 01:01
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Jharkhand Politics: वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, रघुवर दास ने झामुमो-कांग्रेस को घेरा
Jharkhand Politics: वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, रघुवर दास ने झामुमो-कांग्रेस को घेरा

झारखंड में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झामुमो और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आदिवासियों के हक के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में इस बिल का विरोध कर झामुमो ने साबित कर दिया कि वह तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है।

वक्फ संशोधन बिल से क्या बदलेगा?

वक्फ संशोधन विधेयक में झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्यों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

5वीं और 6वीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति घोषित करने पर रोक लगेगी।
आदिवासी जमीनों को बचाने और उनकी मूल संस्कृति की रक्षा के लिए यह बिल बेहद जरूरी था।
बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कर आदिवासी जमीनें वक्फ बोर्ड को सौंपने की कोशिशों पर लगाम लगेगी।

झामुमो-कांग्रेस का असली चेहरा बेनकाब – रघुवर दास

रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आदिवासियों के हितों की रक्षा की है। लेकिन झामुमो और कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति में फंस गए हैं।

झामुमो ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया और वोटिंग में भी खिलाफ खड़ा रहा।
इससे साफ हो गया कि झामुमो केवल आदिवासी हितों की बातें करता है, लेकिन असल में तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है।
रघुवर दास ने झारखंड के आदिवासियों से अपील की कि वे झामुमो-कांग्रेस की साजिश को पहचानें।

आदिवासी इलाकों में वक्फ संपत्ति क्यों खतरनाक?

रघुवर दास ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति होना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

झारखंड के कई इलाकों में कब्रिस्तान, मजार, मकबरा, मस्जिद और दरगाहों का तेजी से विस्तार हो रहा है।
इससे आदिवासी संस्कृति और विरासत कमजोर हो रही है।
नए वक्फ बिल से इन गतिविधियों पर रोक लगेगी और आदिवासी समाज को उनका हक मिलेगा।

इतिहास: झारखंड में आदिवासी बनाम बाहरी की राजनीति

झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को आदिवासी अस्मिता और विकास के मकसद से हुआ था।

झारखंड आंदोलन के दौरान आदिवासी नेताओं ने बाहरी तत्वों द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध किया था।
5वीं अनुसूची का प्रावधान इसी मकसद से बनाया गया था कि आदिवासियों की संस्कृति सुरक्षित रहे।
लेकिन अब झामुमो और कांग्रेस की राजनीति के चलते आदिवासियों की जमीनों पर खतरा मंडरा रहा है।

रांची में सरहुल पूजा के दौरान हमला, आदिवासियों में आक्रोश

रघुवर दास ने रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल पूजा की शोभायात्रा पर हुए हमले को लेकर झामुमो सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि यह घटना मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है।
झामुमो आदिवासियों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा, बल्कि उनकी पहचान मिटाने में लगा है।
आदिवासियों को अब जागने की जरूरत है, वरना उनकी संस्कृति धीरे-धीरे खत्म कर दी जाएगी।

"झामुमो के सांसदों का करें बहिष्कार" – रघुवर दास

रघुवर दास ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस के सांसदों को अब आदिवासी समाज को जवाब देना होगा।

वे क्यों वक्फ संशोधन विधेयक में आदिवासी विरोधी रुख अपना रहे हैं?
आदिवासी समाज को ऐसे नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।
जो पार्टी आदिवासी हकों की रक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में रहने का हक नहीं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।