Forest Fire: 4 साल से जब्त गाड़ी रहस्यमय तरीके से जल गई, मालिक ने वन विभाग पर उठाए सवाल!
चार साल पहले वन विभाग द्वारा जब्त की गई बोरवेल गाड़ी रहस्यमय तरीके से जल गई। गाड़ी मालिक ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर।

सरिया वन क्षेत्र में एक बड़ा रहस्य सामने आया है। करीब चार साल पहले जब्त की गई बोरवेल गाड़ी अचानक जलकर राख हो गई। गाड़ी के मालिक को जब वन विभाग से गाड़ी छुड़ाने की अनुमति मिली और वह लेने पहुंचे, तो वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। जिस गाड़ी को वह लेने आए थे, वह पूरी तरह जल चुकी थी!
अब बड़ा सवाल ये है कि गाड़ी में आग कैसे लगी? क्या ये महज एक दुर्घटना थी या फिर सबूत मिटाने की कोई बड़ी साजिश?
4 साल पहले जब्त हुई थी गाड़ी, अब जलकर हुई राख!
यह मामला 2020 का है, जब वन विभाग ने वन क्षेत्र में बोरिंग करने के आरोप में एक बोरवेल गाड़ी को जब्त कर लिया था। गाड़ी को सरिया रेंज ऑफिस परिसर में खड़ा कर दिया गया था।
3 मार्च 2024 को राज्य के वन सचिव ने गाड़ी रिलीज करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद मंगलवार को गाड़ी मालिक विवेकानंद राय वन विभाग कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें जो दिखा, उससे वह दंग रह गए।
जिस गाड़ी को वह वापस लेने आए थे, वह जलकर राख हो चुकी थी!
गाड़ी मालिक ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप!
गाड़ी मालिक विवेकानंद राय ने वन विभाग पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि गाड़ी चार साल से वन विभाग की सुरक्षा में थी, फिर उसमें आग कैसे लगी?
उन्होंने कहा:
"अगर गाड़ी हमारी जिम्मेदारी में होती, तो विभाग हम पर कार्रवाई करता। अब विभाग बताए कि उनकी सुरक्षा में गाड़ी कैसे जल गई?"
"गाड़ी की पूरी भरपाई वन विभाग करे, वरना हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे!"
क्या यह सबूत मिटाने की साजिश है?
इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं:
गाड़ी चार साल से वन विभाग के परिसर में थी, तो अचानक उसमें आग कैसे लगी?
क्या गाड़ी को जानबूझकर जलाया गया, ताकि कोई सबूत न बचे?
क्या यह किसी लापरवाही का नतीजा था या फिर इसमें कोई बड़ी साजिश है?
वन विभाग की सफाई – जांच जारी है!
इस पूरे मामले पर सरिया वन विभाग के रेंजर सुरेश राम ने सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वह कार्यालय के काम से बाहर थे।
उन्हें जानकारी मिली कि गाड़ी में आंशिक नुकसान हुआ है, लेकिन आग कैसे लगी, इसकी जांच की जा रही है।
जांच के बाद ही इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है।
क्या मिलेगा न्याय या फिर मामला होगा ठंडे बस्ते में?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या गाड़ी मालिक को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी बाकी विवादों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
क्या वन विभाग गाड़ी मालिक को मुआवजा देगा?
आग के पीछे की सच्चाई सामने आएगी या नहीं?
अब देखना यह होगा कि इस मामले में वन विभाग की जांच कितनी पारदर्शी होगी और क्या गाड़ी मालिक को इंसाफ मिलेगा?
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