Sariya Suicide: ठेकेदार से झगड़े के बाद राजमिस्त्री ने उठाया दर्दनाक कदम, घर में मिली संदिग्ध हालत में लाश!
सरिया में एक राजमिस्त्री की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पत्नी ने ठेकेदार पर पैसे न देने का लगाया आरोप। जानिए पूरी खबर।

सरिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक राजमिस्त्री की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। परिवार का कहना है कि ठेकेदार ने उसकी मेहनत की कमाई नहीं दी थी, जिससे वह तनाव में था। होली के एक दिन पहले वह घर आया था और तभी से परेशान नजर आ रहा था। अब उसकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं!
होली के पहले से परेशान था कारू, ठेकेदार से हुआ था विवाद!
मृतक की पत्नी मनीषा देवी ने बताया कि उनके पति कारू रजक सरिया में राजमिस्त्री का काम करते थे।
होली के एक दिन पहले वह घर लौटे थे, लेकिन काफी परेशान थे।
जब पत्नी ने कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने उनका मेहनताना नहीं दिया था।
इसे लेकर उनका ठेकेदार के साथ काफी झगड़ा भी हुआ था।
पत्नी को लगा कि कुछ दिन में मामला सुलझ जाएगा, लेकिन मंगलवार को जो हुआ, उसने पूरे परिवार को बिखेर दिया!
घर में अकेले थे कारू, बगल में पड़ा था जहर की बोतल!
मंगलवार की दोपहर करीब 3 बजे जब घर के सभी लोग बाजार गए हुए थे, तब कारू अकेले थे।
जब परिवार के लोग वापस लौटे, तो देखा कि कारू बेड पर अचेत पड़े थे।
बगल में जहर की एक बोतल भी रखी हुई थी!
आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
बच्चों का क्या होगा? परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़!
कारू की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
मृतक की पत्नी के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं – एक 6 साल की बेटी और 4 साल का बेटा।
कारू घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे।
अब परिवार के पास न तो कमाने वाला कोई है, न ही भविष्य की कोई उम्मीद!
पत्नी मनीषा देवी ने पुलिस प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस जांच में जुटी, क्या ठेकेदार पर होगी कार्रवाई?
इस मामले में मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने बताया कि
"मामले की जांच की जा रही है।"
"जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।"
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मामले में ठेकेदार पर कोई कार्रवाई होगी?
क्या ठेकेदार की वजह से ही कारू ने इतना बड़ा कदम उठाया?
क्या परिवार को इंसाफ मिलेगा या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
क्या यह सिर्फ आत्महत्या है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश?
यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि श्रमिकों के साथ होने वाले शोषण की एक और दर्दनाक कहानी है।
मेहनतकश मजदूर दिन-रात काम करते हैं, लेकिन जब उनकी मेहनत की कमाई नहीं दी जाती, तो उनके पास क्या विकल्प बचता है?
क्या सरकारी तंत्र ऐसे मजदूरों की कोई सुरक्षा करेगा?
या फिर ऐसे ही गरीबों की जिंदगी दर्दनाक अंत की ओर बढ़ती रहेगी?
अब देखना यह होगा कि इस मामले में न्याय होगा या फिर इसे एक और आम आत्महत्या समझकर भुला दिया जाएगा!
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