Jamshedpur Resignation: टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट राजीव कुमार का बड़ा फैसला, वेदांता में लेंगे नई जिम्मेदारी?
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट राजीव कुमार ने इस्तीफा दिया! 25 साल की सेवा के बाद अब वेदांता में शामिल होने की संभावना। जानें पूरी खबर।

जमशेदपुर: टाटा स्टील से जुड़े एक बड़े घटनाक्रम में कलिंगानगर के वाइस प्रेसिडेंट राजीव कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस फैसले के बाद कॉरपोरेट जगत में हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि राजीव कुमार अब वेदांता ग्रुप में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक उन्होंने खुद अपने नए पद को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
कब और कैसे दिया इस्तीफा?
राजीव कुमार ने बुधवार को टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों और यूनियन नेताओं को भी इसकी पुष्टि कर दी। उनका इस्तीफा कंपनी के लिए एक बड़ी रणनीतिक चुनौती बन सकता है, क्योंकि वे टाटा स्टील के कलिंगानगर प्रोजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण पदाधिकारियों में से एक थे।
25 वर्षों की सेवा, लेकिन क्यों छोड़ी टाटा स्टील?
राजीव कुमार करीब 25 वर्षों से टाटा स्टील से जुड़े रहे और कंपनी के विभिन्न पदों पर जमशेदपुर में कार्यरत रह चुके हैं। वे टाटा स्टील की रणनीतियों और प्रोजेक्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण फैसले लेने वाले अधिकारियों में गिने जाते थे। खासतौर पर कलिंगानगर प्रोजेक्ट को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऐसे में, उनका इस्तीफा देना कई सवाल खड़े कर रहा है।
विपरीत परिस्थितियों में लिया बड़ा फैसला!
टाटा स्टील इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रही है। वैश्विक बाजार में स्टील उद्योग दबाव में है, और इस बीच राजीव कुमार का इस्तीफा कंपनी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, टाटा स्टील ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है, लेकिन उनकी जगह कौन लेगा, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
वेदांता ग्रुप में नई पारी की तैयारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव कुमार अब वेदांता ग्रुप में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं। वेदांता, जो मेटल और माइनिंग सेक्टर में भारत की अग्रणी कंपनियों में से एक है, अपने विस्तार की योजनाओं पर तेजी से काम कर रही है। ऐसे में, टाटा स्टील में 25 वर्षों का अनुभव रखने वाले राजीव कुमार वेदांता के लिए एक अहम रणनीतिक संपत्ति साबित हो सकते हैं।
टाटा स्टील और कलिंगानगर प्रोजेक्ट का भविष्य?
राजीव कुमार का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कलिंगानगर प्लांट अपनी अगली विकास योजना की ओर बढ़ रहा है। टाटा स्टील का यह प्रोजेक्ट भारत के सबसे बड़े और आधुनिकतम स्टील प्लांट्स में से एक है। अब सवाल यह है कि उनकी जगह कौन लेगा और टाटा स्टील इस ट्रांजिशन को कैसे संभालेगा?
क्या कहती है टाटा स्टील?
फिलहाल, टाटा स्टील ने इस इस्तीफे पर कोई विस्तृत आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन इतना तय है कि राजीव कुमार जैसे अनुभवी अधिकारी का जाना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।
राजीव कुमार का टाटा स्टील से जाना एक युग के अंत जैसा है, खासकर जब वे कंपनी के सबसे अनुभवी और तेजतर्रार अधिकारियों में गिने जाते थे। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि टाटा स्टील इस बदलाव को कैसे संभालती है और राजीव कुमार वेदांता में क्या भूमिका निभाते हैं।
What's Your Reaction?






