Jamshedpur Tribute: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जद(यू) कार्यकर्ताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि, गांधी जी के विचारों पर चर्चा
जमशेदपुर में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जद(यू) कार्यकर्ताओं ने गांधी घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जानिए गांधी जी के सत्य और अहिंसा के विचार आज भी कैसे प्रासंगिक हैं।
जमशेदपुर, 30 जनवरी 2025: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकर्ताओं ने मानगो गांधी घाट पर स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इस कार्यक्रम में जद(यू) के वरिष्ठ नेता सुबोध श्रीवास्तव ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और महात्मा गांधी के अद्वितीय योगदान को याद किया।
कार्यक्रम के दौरान जद(यू) नेताओं ने महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सादगी के जीवन को अपने अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। गांधी जी के संघर्ष और विचार आज भी समाज में प्रासंगिक हैं, और उनके विचारों की महत्ता को नई पीढ़ी के बीच जीवित रखना अत्यंत आवश्यक है।
गांधी जी के विचार: सत्य, अहिंसा और सादगी की शक्ति
महात्मा गांधी का जीवन सत्य और अहिंसा के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता का उदाहरण था। जद(यू) नेताओं ने कहा कि गांधी जी ने देशवासियों को अपने सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी थी। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अहिंसा के रास्ते से संघर्ष किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुबोध श्रीवास्तव ने सभा में गांधी जी के बारे में कहा, "महात्मा गांधी का जीवन सादगी से भरा था। उनके द्वारा बताए गए मार्ग आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर उन्होंने स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए संघर्ष किया।"
उनके अनुसार, गांधी जी का जीवन और उनके विचार आज भी हमारे समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, खासकर जब दुनिया हिंसा और आतंकवाद से जूझ रही है। गांधी जी का संदेश हमेशा यह रहेगा कि केवल अहिंसा और सत्य के मार्ग से ही हम समाज में शांति और समृद्धि ला सकते हैं।
कार्यक्रम में प्रमुख नेता और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में जद(यू) के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने गांधी जी के विचारों को अपना आदर्श मानते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इन नेताओं में कुलविंदर सिंह पन्नू, प्रवीण सिंह, कन्हैया ओझा, राघवेंद्र प्रताप सिंह, संजीव सिंह, त्रिलोचन सिंह, अशोक सिंह, दर्शन सिंह, विजेंद्र सिंह, चंचल सिंह, ममता सिंह, हरभजन सिंह, दिलीप प्रजापति, और गणेश चंद्र प्रमुख थे।
इन सभी नेताओं ने गांधी जी के सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर चर्चा की और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि उनके विचारों को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाया जाए।
गांधी जी की सादगी और संघर्ष का महत्त्व
गांधी जी का जीवन सादगी और आत्मनिर्भरता का आदर्श प्रस्तुत करता है। जद(यू) नेताओं ने बताया कि गांधी जी ने न केवल राजनीतिक आज़ादी के लिए संघर्ष किया, बल्कि समाज में असमानताओं और अन्याय के खिलाफ भी आवाज़ उठाई। उनकी जीवनशैली और उनके विचार हमेशा ही हमारी राष्ट्रीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं।
महात्मा गांधी का आदर्श हमें सिखाता है कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हमें पहले खुद को बदलना होगा। उनका विश्वास था कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों के द्वारा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।
गांधी जी की पुण्यतिथि: एक अवसर आत्ममंथन और बदलाव का
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को केवल एक शोक दिवस के रूप में नहीं, बल्कि आत्ममंथन और बदलाव के अवसर के रूप में मनाना चाहिए। जद(यू) के कार्यकर्ताओं ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि गांधी जी के विचार और आदर्शों को हम अपने जीवन में उतारें और समाज में उनकी सोच को प्रोत्साहित करें।
इस कार्यक्रम ने न केवल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि यह भी साबित किया कि गांधी जी के विचार और उनके सिद्धांत आज भी हमारे समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं।
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