Tata Steel Initiative: पहली बार CNG ट्रक से हुआ फेरो क्रोम का निर्यात!
टाटा स्टील ने पहली बार CNG ट्रकों से फेरो क्रोम की सप्लाई की, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 25% तक की कमी आएगी। यह कदम पर्यावरण हितैषी लॉजिस्टिक्स की ओर एक नई मिसाल है।

जमशेदपुर: भारत की अग्रणी इस्पात कंपनी टाटा स्टील ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलने वाले ट्रकों के जरिए पहली बार फेरो क्रोम की खेप का निर्यात किया। यह कदम कार्बन उत्सर्जन को 25% तक कम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
टाटा स्टील का पर्यावरण हितैषी मिशन
टाटा स्टील लंबे समय से ग्रीन एनर्जी और कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में काम कर रही है। इस नई पहल के तहत, जाजपुर ऑपरेशन से विशाखापट्टनम (वाईजाग) तक फेरो क्रोम की सप्लाई अब सीएनजी ट्रकों के जरिए की जाएगी। आमतौर पर इस ट्रांसपोर्टेशन के लिए हाई-स्पीड डीजल ट्रकों का उपयोग किया जाता था, जिससे भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन होता था।
इतिहास से जुड़ी कुछ अहम बातें
टाटा स्टील ने पर्यावरण सुधार की दिशा में हमेशा से आर्थिक और टिकाऊ समाधानों पर जोर दिया है। 2010 के बाद से भारत में स्टील उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार भी हरित ऊर्जा (Green Energy) को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है।
ऐसे हुई ऐतिहासिक पहल की शुरुआत
टाटा स्टील की फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (FAMD) ने इस पहल की शुरुआत की। लॉजिस्टिक्स विभाग के प्रमुख अमित चौबे ने जाजपुर FAC के प्रमुख आलोक कुमार पांडा और वरिष्ठ प्रबंधक सौम्या बसु के साथ मिलकर पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
क्या है इस कदम की खासियत?
सीएनजी ट्रकों से सप्लाई करने से CO₂ उत्सर्जन में 20-25% की कमी आएगी।
पर्यावरण हितैषी यह कदम सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स (Sustainable Logistics) का नया उदाहरण बनेगा।
हाई-स्पीड डीजल ट्रकों की तुलना में कम प्रदूषण और ज्यादा ईंधन बचत।
ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देकर टाटा स्टील ने औद्योगिक क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है।
आगे क्या?
FAMD के कार्यकारी प्रभारी पंकज सतीजा ने कहा कि टाटा स्टील अपने संयंत्र संचालन में स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। आने वाले समय में, कंपनी सीएनजी ट्रकों के उपयोग को और बढ़ाने और सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स को अपनाने की योजना बना रही है।
इस पहल के साथ, टाटा स्टील ने यह साबित कर दिया कि उद्योगों को केवल उत्पादन ही नहीं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य कंपनियां भी इस दिशा में क्या कदम उठाती हैं।
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