Jamshedpur Event: शहीद दिवस पर ग्रेजुएट कॉलेज में शहीदों को श्रद्धांजलि, 2 मिनट का मौन धारण किया गया

जमशेदपुर के ग्रेजुएट कॉलेज में शहीद दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया गया। जानिए इस कार्यक्रम की प्रमुख बातें।

Jan 30, 2025 - 18:29
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Jamshedpur Event: शहीद दिवस पर ग्रेजुएट कॉलेज में शहीदों को श्रद्धांजलि, 2 मिनट का मौन धारण किया गया
Jamshedpur Event: शहीद दिवस पर ग्रेजुएट कॉलेज में शहीदों को श्रद्धांजलि, 2 मिनट का मौन धारण किया गया

30 जनवरी 2025 को, जब भारत शहीदों की शहादत को याद करता है, जमशेदपुर के ग्रेजुएट महाविद्यालय में भी शहीद दिवस का आयोजन श्रद्धा और सम्मान के साथ किया गया। इस दिन हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हें सम्मानित करने के लिए कॉलेज के सभी शिक्षक और कर्मचारी एकजुट हुए।

कार्यक्रम में दो मिनट का मौन धारण किया गया, ताकि शहीदों के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड सरकार के निर्देशानुसार किया गया था, जिसके बाद महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अर्चना सिंहा के नेतृत्व में शहीदों की स्मृति में यह सम्मान समारोह आयोजित हुआ।

शहीदों की शहादत को याद करते हुए मौन धारण

ग्रेजुएट कॉलेज के इस शहीद दिवस कार्यक्रम में कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं और कर्मचारी शामिल थे। डॉ. अर्चना सिंहा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारा देश आज़ाद हुआ है, लेकिन यह आज़ादी कई वीरों की कुर्बानी से मिली है।" उनका यह संदेश दर्शाता है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कितनी कठिनाइयों और बलिदानों के बाद हमें आज़ादी दिलाई।

कार्यक्रम में मौन धारण के दौरान, सबने देश के लिए शहीद हुए महान स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में सोचा और उनके संघर्ष को याद किया। इस दौरान हर एक व्यक्ति की आंखों में गर्व और श्रद्धा की भावना थी, क्योंकि यह दिन हमारे इतिहास के उस कालखंड को ताज़ा करने का अवसर था, जब हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपार साहस और बलिदान के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ा था।

शहीद दिवस का ऐतिहासिक महत्व

30 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण तारीख है, क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है और देश के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की शहादत को याद किया जाता है। 1948 में, महात्मा गांधी को इस दिन शहीद कर दिया गया था, और तब से यह दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन बन गया है।

स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों ने न केवल अपने प्राणों की आहुति दी, बल्कि हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए रास्ता भी दिखाया। शहीद दिवस हमें यह याद दिलाता है कि आज हम जो स्वतंत्रता और अधिकार享 करते हैं, वह उनकी शहादत के कारण संभव हुआ है।

कॉलेज में शहीदों की याद में एकजुटता

ग्रेजुएट महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम ने सभी को एकजुट होने का अवसर प्रदान किया। शिक्षक और छात्र साथ मिलकर उन वीरों की स्मृति में खड़े हुए, जिन्होंने अपने बलिदान से देश की आज़ादी की नींव रखी। यह दिन हमें यह समझने का मौका देता है कि हमारे पास जो स्वतंत्रता है, वह केवल एक तात्कालिक विजय नहीं, बल्कि लंबे संघर्ष और बलिदान की परिणति है।

महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नायकों का योगदान हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा। इस प्रकार के आयोजनों से हम उन महान शहीदों की दी हुई आज़ादी की कीमत को समझ सकते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी यह एहसास करवा सकते हैं कि स्वतंत्रता की असली कीमत क्या है।

कृपया ध्यान दें: शहीदों को श्रद्धांजलि देने की यह पहल

ग्रेजुएट कॉलेज के शहीद दिवस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि हमें केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही शहीदों को याद नहीं करना चाहिए, बल्कि उनकी शहादत को सालभर सम्मान देना चाहिए। इस कार्यक्रम के माध्यम से महाविद्यालय ने यह संदेश दिया कि शिक्षा और समाज सेवा के साथ-साथ, हमारे देश के वीरों का आदर करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।