Jamshedpur Tribute: शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को पूर्व सैनिकों ने दी श्रद्धांजलि, गूंजे "भारत माता की जय" के नारे!
जमशेदपुर में पूर्व सैनिकों ने शहीद दिवस पर वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। "भारत माता की जय" के नारों से गूंजा माहौल, जानें इस आयोजन की खास बातें!

जमशेदपुर: देशभक्ति और शौर्य की अद्भुत मिसाल, जब अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर ने शहीद स्मारक गोलमुरी में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में झारखंड महामंत्री सिद्धनाथ सिंह पहुंचे, जबकि संगठन के अध्यक्ष हवलदार विनय यादव और महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने स्वागत किया।
शहीदों को नमन: भारत माता के जयकारों से गूंजा माहौल
कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के पूजन और पुष्पांजलि अर्पण से हुई।
पूर्व सैनिकों और अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन के जोश को दोगुना कर दिया।
दीप जलाकर वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
"भारत माता की जय" और "वीर शहीद अमर रहें" के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव: बलिदान की अमर गाथा
देश की आज़ादी की लड़ाई में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान एक अमर गाथा है।
23 मार्च 1931 को इन तीनों वीरों को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी थी।
भगत सिंह ने 1928 में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारी सॉन्डर्स को मारा।
दिल्ली की असेंबली में बम फेंककर उन्होंने अंग्रेजों को चेताया था कि भारतीय क्रांति सिर्फ एक सपना नहीं।
उनका अंतिम पत्र "इन्कलाब जिंदाबाद" का संदेश आज भी युवाओं में जोश भरता है।
"देश न कभी झुका है, न झुकेगा" – सैनिकों का संकल्प!
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सभी सदस्यों ने वीर शहीदों को बारी-बारी से श्रद्धांजलि अर्पित की और संकल्प लिया:
"देश न कभी झुका है, न झुकेगा, हम हमेशा मातृभूमि के लिए तैयार रहेंगे!"
कार्यक्रम में इन वीर सैनिकों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा:
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वरिष्ठ सुखविंदर सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, हरिराम कामत, अमित कुमार, विश्वजीत सी.सी. पूरी, वीरेंद्र सिंह और अन्य पूर्व सैनिकों ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
क्या हम शहीदों के सपनों का भारत बना पाए?
आज के दौर में सवाल उठता है:
क्या हम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सपनों का भारत बना पाए हैं?
क्या आज़ादी का सही अर्थ हमें समझ में आता है?
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