Jamshedpur Tribute: Tribute Ceremony में पूर्व PM मनमोहन सिंह को दी गई श्रद्धांजलि

जमशेदपुर में जद(यू) नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थव्यवस्था के महानायक मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। जानें, कैसे उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाया।

Dec 28, 2024 - 18:04
Dec 28, 2024 - 18:08
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Jamshedpur Tribute: Tribute Ceremony में पूर्व PM मनमोहन सिंह को दी गई श्रद्धांजलि
Jamshedpur: Tribute Ceremony में पूर्व PM मनमोहन सिंह को दी गई श्रद्धांजलि

जमशेदपुर: जद(यू) जमशेदपुर महानगर के नेताओं ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। यह सभा डिमना रोड स्थित महेंद्र हॉल में आयोजित हुई, जहां नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

पूर्व PM मनमोहन सिंह: केवल राजनेता नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के निर्माता
सभा में मौजूद वक्ताओं ने मनमोहन सिंह को केवल एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में याद किया। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में भारत ने दिवालिया अर्थव्यवस्था से बाहर निकलकर आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पकड़ी। 1991 के आर्थिक सुधारों से भारत में उदारीकरण का दरवाजा खुला, जिसने देश को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया।

भारत को दिवालियापन से बाहर निकालने वाले नायक
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और अपनी आर्थिक नीतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हुए। 1991 में, जब देश वित्तीय संकट से जूझ रहा था, उस समय उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। उनकी नीतियों ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया।

सभा में वक्ताओं ने कहा, "मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां देश को नई दिशा देने वाली थीं। उनकी दूरदृष्टि के कारण ही भारत की अर्थव्यवस्था ने तेज रफ्तार पकड़ी।"

उदारवाद के दौर की शुरुआत
मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में देश के आर्थिक ढांचे में बदलाव करते हुए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति को अपनाया। यह उनकी नीतियों का ही नतीजा था कि भारत आज दुनिया के बड़े आर्थिक महाशक्तियों में से एक है।

श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं का क्या कहना था?
सभा में प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मनमोहन सिंह की स्मृतियों को साझा करते हुए उनके योगदान को याद किया। वक्ताओं ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने गरीबी हटाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में उल्लेखनीय प्रगति की।

सभा में मुख्य रूप से सुबोध श्रीवास्तव, कुलविंदर सिंह पन्नू, आकाश शाह, प्रेम सक्सेना, कन्हैया ओझा, हरभजन सिंह, लालू गौड़, दीपक गौड़, प्रमोद सिंह मल्लू, सुशीला सिंह, सीमा शर्मा, राहुल कुमार, और अभिजीत कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

वक्तव्य और स्मृतियां
वक्ताओं ने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में देश को न केवल आर्थिक मजबूती मिली, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की साख बढ़ी। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह की नीतियों के कारण भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में तेजी आई और देश की युवा पीढ़ी को रोजगार के नए अवसर मिले।

मनमोहन सिंह की सादगी और दृढ़ता
सभा में वक्ताओं ने उनकी सादगी और मेहनत को भी याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे एक साधारण परिवार से आए डॉ. सिंह ने दुनिया को दिखाया कि एक दूरदर्शी नेता और अर्थशास्त्री देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

श्रद्धांजलि सभा का उद्देश्य
इस श्रद्धांजलि सभा का उद्देश्य केवल मनमोहन सिंह के योगदान को याद करना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन से प्रेरणा देना भी था। जद(यू) नेताओं ने कहा कि डॉ. सिंह का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।

सभा में साझा की गई यादें और सम्मान
सभा के अंत में सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी स्मृति हमेशा भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

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